भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कितनी भी कोशिश कर ले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की दाल नहीं गलेगी। शाह ने शुक्रवार को राज्य के सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा के शासनकाल में तेजी से विकास हो रहा है। पहले जहां यह राज्य भूखमरी, नक्सली, अंधेरा, गरीबी आदि का हब माना जाता था अब पावर, सीमेंट और एजुकेशन का हब बन गया है।
उन्होंने कहा कि आज यहां छत्तीसगढ़ में आदिवासियों समेत सभी का विकास हो रहा है और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कितनी भी कोशिश कर ले राज्य में उनकी दाल नहीं गलने (जीत नहीं मिलने) वाली है। शाह ने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं और 2019 में लोकसभा का भी चुनाव होना है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा को हराने के लिए महागठबंधन बना लिया है।
उन्होंने कहा, ”मैं उनके साहस की दाद देता हूं। मैं पूछना चाहता हूं कि राहुल गांधी को केंद्र और छत्तीसगढ़ में कैसे सरकार बनते दिखाई दे रही है। जो यहां अश्लील नकली सीडी बनाकर मां-बहनों को अपमानित कर रहे हैं, क्या उनके नेतृत्व में सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं।”
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भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ”वह चुनौती देते हैं कि राहुल गांधी राज्य की जनता को बताएं कि वह यहां किसके नेतृत्व में सरकार बनाना चाहते हैं। हमारे पास यह दुविधा नहीं है। हम मुख्यमंत्री रमन सिंह के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। हम प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के लिए चुनाव नहीं लड़ते हैं। हम रमन सिंह के नेतृत्व में आदिवासियों का जो विकास हुआ है, उसके लिए चुनाव लड़ रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि अटल जी ने विकास का सपना देखा और छत्तीसगढ़ राज्य बनाया था। शुरुआत के तीन साल में अजीत जोगी की सरकार थी। यहां नक्सलियों का शासन चलता था। विकास के काम नहीं हो पाते थे। इसके बाद भाजपा की सरकार बनी। 15 साल के शासन में भाजपा सरकार ने नक्सलियों को उखाड़ फेंकने का काम किया। आदिवासियों के विकास के लिए काम किया है। एक समय अंबिकापुर क्षेत्र पिछड़ा क्षेत्र माना जाता था, लेकिन अब यह क्षेत्र स्वच्छता सर्वेक्षण में बाजी मार रहा है।
शाह ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है। यहां नेताओं के सहारे नहीं कार्यकर्ताओं के सहारे चुनाव जीता जाता है। एक समय बूथ कार्यकर्ता आज इस पार्टी का अध्यक्ष बन गया है। यह भाजपा में ही हो सकता है। इस पार्टी में वंशवाद नहीं चलता है। यहां गरीब चाय वाले का बेटा भी प्रधानमंत्री बन सकता है। यह चुनाव छत्तीसगढ़ का भविष्य तय करने वाला चुनाव है।
उन्होंने कहा कि किसान पिछले 70 सालों में अपनी फसल का वाजिब दाम मांग रहा था जिसे मोदी सरकार ने पूरा किया। हमने किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना दाम देने का काम किया है। देश में करोड़ों महिलाओं को रसोई गैस मिली, करोड़ों लोगों को घर मिला, गांव में बिजली पहुंची। अब आयुष्मान भारत योजना के तहत उन्हें बेहतर स्वास्थ्य देने की तैयारी हो गई है।
शाह ने कहा,”राहुल गांधी कहते हैं कि मोदी सरकार बताएं कि पिछले साढ़े चार साल के शासनकाल में उन्होंने क्या किया। मैं कहता हूं उनकी पार्टी ने 55 साल तक राज किया और उन्होंने गरीबों के लिए क्या किया। यदि 55 सालों में उनकी पार्टी ने गरीबों के लिए काम किया होता तब रमन सिंह की सरकार को आदिवासियों को चरण पादुका देने की जरूरत नहीं पड़ती।”
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उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने अर्बन नक्सलियों को पकड़ा और उनसे जानकारी मिली कि उनके पास मोर्टार और हथियार भी थे। लेकिन जैसे ही उन्हें पकड़ा गया तो ‘राहुल बाबा एंड कंपनी’ ने हाय तौबा मचाना शुरू कर दिया। कहने गले की यह वाणी की स्वतंत्रता का मामला है। मैं पूछता हूं क्या प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रचना, बम धमाका करना, भोले-भाले आदिवासियों को बरगलाना क्या वाणी की स्वतंत्रता का मामला है। ‘राहुल बाबा’ कितना भी इनका पक्ष ले लें लेकिन भाजपा की सरकार में इनका स्थान जेल की सलाखों के पीछे हैं।
शाह ने कहा कि कार्यकर्ता घर-घर जाएं। सरकार की योजनाओं को बताएं और विपक्षी कांग्रेस के सीडी कांड को बताएं। बता दें कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। राज्य में दो चरणों में चुनाव होना है। पहले चरण में 12 नवंबर को 18 विधानसभा सीटों के लिए तथा दूसरे चरण में 20 नवंबर को 72 सीटों के लिए मतदान होगा। वहीं 11 दिसंबर को मतों की गिनती होगी।
छत्तीसगढ़ में भाजपा पिछले 15 वर्षों से सत्ता में है। वहीं कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में है। राज्य में भाजपा और कांग्रेस ही मुख्य रूप से आमने सामने रहती है। लेकिन इस वर्ष होने वाले चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ :जे: के आने के बाद चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। छत्तीसगढ़ में 2013 में हुए चुनाव में भाजपा को 90 सीटों में से 49 सीटों पर तथा कांग्रेस को 39 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं एक-एक सीट पर बसपा और निर्दलीय विधायक हैं।