दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल राजधानी में छह दिन के लॉकडाउन की घोषणा के बाद प्रवासी श्रमिकों के शहर छोड़ने पर ने मंगलवार को चिंता जताई और हालात से निपटने की जिम्मेदारी प्रधान सचिव (गृह) तथा विशेष पुलिस आयुक्त को सौंपी।
अधिकारियों ने बताया कि बैजल ने हालात का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा मुख्य सचिव के साथ आपात बैठक की और उनसे प्रवासियों की वापसी को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाने को कहा।
केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार रात 10 बजे से 26 अप्रैल सुबह पांच बजे तक लॉकडाउन की घोषणा की है। उनकी घोषणा के फौरन बाद यहां आनंद विहार आईएसबीटी पर हजारों प्रवासी मजदूर पहुंचने लगे जो बसों में बैठकर अपने घरों को जाना चाहते हैं।
हालांकि मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन की घोषणा करते हुए लोगों को भरोसा दिलाया था और कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि यह लॉकडाउन छोटा रहेगा और लोग दिल्ली छोड़कर नहीं जाएं। उन्होंने यह आश्वासन देते हुए कहा था, ‘‘मैं हूं ना’’।
बैजल ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘मैं दिल्ली के सभी प्रवासी नागरिकों से अपील करता हूं कि डर की वजह से शहर छोड़कर नहीं जाएं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि सरकार कोरोना वायरस महामारी के इस हालात में आपकी समस्त जरूरतों का ध्यान रखेगी। आपके लिए सभी प्रबंध किये जा रहे हैं।’’
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि प्रवासी श्रमिक अपने परिश्रम से दिल्ली चलाते हैं और दिल्ली उनकी है। उप राज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रवासी कामगारों के लिए भोजन और आश्रय की व्यवस्था की जाए।
अधिकारियों के मुताबिक बैजल ने अधिकारियों से कहा है कि ऑक्सीजन संयंत्र वाले अस्पतालों को उत्पादन बढ़ाने के लिए जरूरी अनुमति दी जाए।