BREAKING NEWS

आनंदीबेन पटेल ने कही- 'शिक्षा का मतलब सिर्फ अवार्ड और मेडल प्राप्त करना नहीं'◾‘मेहुल चोकसी को बचाने का प्रयास कर रही है केंद्र सरकार’, AAP सांसद राघव चड्ढा ने लगाए आरोप ◾चोकसी रेड नोटिस मामला: CBI ने कहा, मेहुल को वापस लाने के हर संभव प्रयास जारी◾Piyush Goyal ने कहा- 'गैर जिम्मेदार विपक्ष जानबूझकर संसद की कार्यवाही बाधित कर रहा है'◾शिवसेना नेता दादा भुसे का बड़ा दावा, कहा- संजय राउत की वफादारी शरद पवार के साथ◾चुनावी राज्य कर्नाटक में 25 मार्च को होगा PM Modi का दौरा◾Operation Amritpal: पंजाब पुलिस का एक्शन, अमृतपाल को भगाने में मदद करने वाले 4 लोग गिरफ्तार◾Karnataka polls: सिद्धरमैया की चुनावी सीट पर सस्पेंस, ‘कोलार और बादामी’ बनी चर्चा का केंद्र ◾Delhi Budget 2023: विवादों के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली के बजट को दी मंजूरी◾K. Kavita ने निजता के अधिकार का मुद्दा लेकर ED को लिखा पत्र◾कामकाज पर हो चर्चा, संसद चलाना सरकार की जिम्मेदारी- कांग्रेस ◾राहुल गांधी ने ओम बिरला से किया आग्रह, कहा- मेरे खिलाफ मंत्रियों ने बेबुनियाद आरोप लगाए, जवाब देने का मौका मिले◾दिल्ली: BJP विधायक विजेंद्र गुप्ता पर एक्शन, सदन से एक साल के लिए सस्पेंड, जानें वजह ◾JPC की मांग पर अड़े विपक्षी दल , संसद भवन के गलियारे में किया प्रदर्शन, ‘वी वांट जेपीसी’ के लगाए जोरदार नारे ◾PTI पर प्रतिबंध लगाने के लिए, पाकिस्तान में सत्तारूढ़ गठबंधन ने दिए संकेत◾अमृतपाल सिंह के खिलाफ एक्शन पर CM केजरीवाल ने कहा- शांति भंग करने पर होगी कड़ी कार्रवाई◾एलन मस्क ने कहा - 'ट्विटर जल्द ही लंबे फॉर्म वाले ट्वीट्स को 10 हजार अक्षरों तक बढ़ाएगा'◾यूपी: पूर्वांचल के किसानों को PM मोदी की सौगात, मिलेगा इंटीग्रेटेड पैक हाउस, जानें इसके फायदे◾कांग्रेस का भाजपा IT cell पर पलटवार, कहा- PM मोदी ने देश में खड़ी की जुमलेबाजी की इमारत◾केंद्र सरकार के खिलाफ राज्य प्रति भेदभावपूर्ण व्यवहार के विरोध में धरना प्रदर्शन करेगी ममता बनर्जी◾

कृषि कानून को रद्द करवाने की मांग पर डटे अन्नदाता, आंदोलन तेज करने की मुहिम में जुटे किसान यूनियन

दिल्ली की सीमाओं पर चले रहे किसान आंदोलन का गुरुवार को 78वां दिन है। इस आंदोलन की चर्चा सड़क से संसद तक हो रही है, लेकिन इसे समाप्त करने की दिशा में नई पहल फिलहाल होती नहीं दिख रही है। इस बीच आंदोलन की अगुवाई करने वाले किसान नेता अपनी मुहिम तेज करने में जुट गए हैं। किसान यूनियन एक बार फिर रेल रोको अभियान से सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश में हैं। 


आंदोलनकारी किसान नेता बताते हैं कि देशभर के किसानों को इस आंदोलन से जोड़ने के मकसद से 12 फरवरी से लेकर 18 फरवरी के बीच चार प्रमुख कार्यक्रम तय किए गए हैं जिसमें रेल रोको अभियान भी शामिल है। किसान नेता बताते हैं कि रेल रोको या सड़क जाम करके उनका इरादा आमलोगों के लिए कठिनाई पैदा करना नहीं है बल्कि किसान आंदोलन को लेकर उनको एक संदेश देना है इसलिए 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से चार बजे तक चार घंटे रेल रोको का कार्यक्रम रखा गया है। 

जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक अभीक साहा ने कहा, "जिस तरह प्रधानमंत्री गैर-किसानों को समझा रहे हैं कि कृषि कानून बढ़िया हैं उसी प्रकार हम भी गैर-किसानों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि आपको तकलीफ देना हमारा काम नहीं है। इसलिए जिस समय ट्रैफिक सबसे कम होती है उस समय हमने सड़क जाम किया और इसी प्रकार, दिन में ट्रेन की ट्रैफिक कम होती है क्योंकि लंबी दूरी की ट्रेन प्राय: रात में चलती है।" उन्होंने कहा कि रेल रोको के जरिए देश की जनता को एक सांकेतिक संदेश देने की कोशिश की जा रही है। 

पंजाब के किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह ने कहा कि आंदोलन तेज करने के जो भी कार्यक्रम किए जा रहे हैं और आगे भी किए जाएंगे उन सबका एक ही मकसद है कि पूरे देश के किसान समेत आमलोगों को नये कृषि कानूनों से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करना है। संसद का बजट सत्र चल रहा है और संसद के दोनों सदनों में किसान आंदोलन चर्चा के केंद्र में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आंदोलनरत किसानों से मसले का समाधान करने के लिए फिर से वार्ता शुरू करने की अपील की है। 

आंदोलन समाप्त करने को लेकर सरकार से फिर वार्ता शुरू करने को लेकर पूछे गए सवाल पर हरिंदर सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से अगर कोई नया प्रस्ताव आए तो वार्ता होगी, लेकिन जिस प्रस्ताव को किसानों ने पहले ही ठुकरा दिया है उस पर वापस वार्ता का कोई मतलब ही नहीं है। किस तरह का प्रस्ताव के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसान नेता तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की प्रक्रिया और एमएसपी के लिए नया कानून बनाने के प्रस्ताव पर बातचीत करना चाहेंगे। 


भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्राहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने कहा कि नये कानून से किसानों को कोई फायदा नहीं होने वाला है, इसलिए जब तक कानून वापस नहीं होंगे उनका आंदोलन जारी रहेगा और आंदोलन तेज करने की दिशा में आगे और कोशिशें जारी रहेंगी। 

संयुक्त किसान मोर्चा ने एक दिन पहले चार कार्यक्रमों की घोषणा की जिनमें 12 फरवरी से राजस्थान के भी सभी रोड टोल प्लाजा को टोल फ्री करने, 14 फरवरी को पुलवामा हमले में शहीद जवानों के बलिदान को याद करते हुए देशभर में कैंडल मार्च व मशाल जुलूस निकालने, 16 फरवरी को किसानों के मसीहा सर छोटूराम की जयंती पर देशभर में किसानों की एकजुटता दिखाने के साथ-साथ 18 फरवरी को दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक देशभर में रेल रोको कार्यक्रम का आयोजन शामिल है। 

आंदोलनकारी किसान केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल लाए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं जबकि सरकार ने उन्हें 18 महीने के लिए नये कानूनों के अमल पर रोक लगाने का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव को किसान यूनियनों द्वारा ठुकराने पर 11वें दौर की वार्ता बेपटरी होने बाद बीते 20 दिनों से गतिरोध जारी है जबकि दोनों पक्ष नये सिरे से वार्ता शुरू करने को तैयार है। ऐसे में जब तक नये प्रस्ताव के साथ किसी भी पक्ष की ओर से पहल नहीं होती है तब तक वार्ता शुरू होने का इंतजार बना रहेगा। 

मुंबई में जोगेश्वरी स्टेशन के पास चलती ट्रेन से हुआ अलग डिब्बा, यातायात बाधित