नई दिल्ली : पटियाला हाउस कोर्ट के एसीएमएम समर विशाल ने मुख्य सचिव को विशेष वकील सिद्धार्थ अग्रवाल और वी मधुकर को मुख्य सचिव की ओर से जिरह करने की अनुमति दी है। एसीएमएम समर विशाल ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि किसी अतिरिक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी की नियुक्ति बतौर अभियोजक की जाए। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अंशु प्रकाश ने जो आशंका जाहिर की है, वह निराधार नहीं है। दिल्ली पुलिस ने इस केस के अभियोजन के तीन वकीलाें के नाम सुझाते हुए विशेष वकील नियुक्त करने का आग्रह किया था।
लेकिन दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने इस आग्रह को खारिज कर दिया था। पहले से नियुक्त विशेष वकील अतुल श्रीवास्तव को भी हटा दिया था। इससे मुख्य सचिव की आशंका को बल मिलता है। अंशु प्रकाश ने आवेदन दायर कर कहा था कि राजधानी की अदालतों में सभी सरकारी वकील गृह विभाग के नियंत्रण में हैं। ऐसे हालात में वह मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री से निष्पक्ष तरीके से जिरह नहीं कर पाएंगे। उनके केस का निष्पक्ष व उचित तरीके से अभियोजन नहीं हो सकता, क्योंकि यह सभी नियमित सरकारी वकील सरकार के दवाब में रहेंगे। इस मामले में मुख्य सचिव का कहना था कि पहले विशेष लोक अभियोजक ही दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हो रहे थे।
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इसके बाद दिल्ली पुलिस ने विशेष वकील नियुक्त करने के आग्रह को ठुकराए जाने के बाद कोर्ट में अर्जी दायर कर सक्षम अधिकारी को अभियोजक नियुक्त करने के लिए दो विशेष वकील को जिरह की अनुमति देने का आग्रह किया था। दिल्ली सरकार ने विरोध करते हुए कहा था कि वकील दिल्ली सरकार के माउथ पीस नहीं है। इसलिए यह आवेदन खारिज कर दिया जाए। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने सीएम केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, विधायक प्रकाश जरवाल, विधायक अमानतुल्लाह खान समेत 13 विधायकों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। अदालत ने इस चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद इन सभी को बतौर आरोपी समन जारी कर 25 अक्टूबर को पेश होने का निर्देश दिया है।