दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन की याचिका पर शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा जिसमें आरोप लगाया गया कि उत्तरपूर्वी दिल्ली में दंगों से जुड़े धनशोधन के एक मामले में उसके खिलाफ ‘‘मीडिया ट्रायल’’ हुआ।
याचिका में उसने मांग की कि मीडिया में उसके खिलाफ प्रकाशित कथित अपमानजनक विषय वस्तु को वापस लिया जाए। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने ईडी को नोटिस जारी किया और मामले में सुनवाई की अगली तारीख 28 जनवरी तय की। अदालत ने कहा, ‘‘इस आवेदन पर शिकायतकर्ता/प्रवर्तन निदेशालय को 28 जनवरी 2021 के लिए नोटिस जारी किया जाए।’’
वकील रिजवान के मार्फत दायर याचिका में कहा गया है कि मीडिया के एक हिस्से ने कथित तौर पर लेख प्रकाशित किए जिसमें अदालत द्वारा मामले में अपना फैसला देने से पहले ही हुसैन को ‘‘दोषी’’ साबित कर दिया गया है। रिजवान ने कथित अपमानजनक समाचार कवरेज की प्रतिलिपि सौंपने के लिए अदालत से समय मांगा है।
उन्होंने कहा कि हुसैन का मामला विचाराधीन है, न कि वह दोषी है। याचिका में मीडिया घरानों को निर्देश देने की मांग की गई है कि हुसैन के खिलाफ ‘‘ट्रायल’’ बंद किया जाए। इसमें हुसैन के परिजनों के लिए पुलिस सुरक्षा की भी मांग की गई है।
उत्तरपूर्वी दिल्ली में पिछले वर्ष 24 दिसंबर को नागरिकता कानून सीएए के समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष होने के बाद सांप्रदायिक दंगे भड़क गए जिसमें कम से कम 53 लोग मारे गए और करीब 200 घायल हो गए। ईडी इन आरोपों की जांच कर रहा है कि हुसैन और उससे जुड़े लोगों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन को हवा देने और दंगे भड़काने के लिए छद्म कंपनियों के माध्यम से करीब 1.10 करोड़ रुपये की हेराफेरी की।