देश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी JNU एक बार फिर चर्चा में है। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी की दीवारों पर ब्राह्मणों और बनिया के खिलाफ लिखा गया। ABVP ने इसे मुद्दा बनाते हुए लेफ्ट पर इस हरकत का आरोप लगाया है। वहीं यूनिवर्सिटी के कुलपति ने मामले को गंभीरता से लिया और मामले में जांच के आदेश दिए।
कुलपति ने डीन, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज एंड शिकायत कमेटी को जल्द से जल्द पूछताछ करने और वीसी को एक रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है। दरअसल, गुरुवार को जेएनयू परिसर स्थित कई इमारतों पर ब्राह्मण विरोधी नारे लिखे गए। स्टूडेंट्स ने दावा किया कि, ब्राह्मण और बनिया समुदाय विरोधी लिखे जाने के साथ ही स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-द्वितीय की इमारत में तोड़फोड़ की गई।
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इस बीच, प्रशासन ने इस घटना की निंदा की। उसने कहा कि स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज एंड ग्रीवेंस कमेटी से मामले की जांच कर कुलपति शांतिश्री डी पंडित को जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। दीवारों पर लिखे नारों में से कुछ नारे हैं, ‘‘ब्राह्मण परिसर छोड़ो’’, ‘रक्तपात होगा’, ‘ब्राह्मण भारत छोड़ो’ और ‘ब्राह्मणों और बनिया, हम तुम्हारे पास बदला लेने आ रहे हैं।’
घटना के कुछ घंटे बाद प्रशासन ने बयान जारी कर कहा कि ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, क्योंकि जेएनयू सबका है। बयान में कहा गया है, “कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री डी पंडित ने स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में कुछ अज्ञात तत्वों द्वारा दीवारों और कमरों को विरूपित किए जाने की घटना को गंभीरता से लिया है। प्रशासन परिसर में इन बहिष्कारवादी हरकतों की निंदा करता है।” राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने इस प्रकरण के लिए लेफ्ट को जिम्मेदार ठहराया है।