देहरादून : उत्तराखंड सरकार पर लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर हीला हवाली करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति का जुमला रटने वाली सरकार एक सोची समझी साजिश के तहत इस अधिनियम को लटका रही है। उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन सोमवार को इस मसले को लेकर सरकार को घेरने के एक दिन बाद उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पदग्रहण करने के बाद तीन माह के भीतर लोकायुक्त का गठन करने के अपने स्वयं के वायदे को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पूरा नहीं किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा पिछले साल लाये गये लोकायुक्त विधेयक को कांग्रेस उसी स्वरूप में पारित करवाने को तैयार थी लेकिन विपक्षी पार्टी के इस कदम से राज्य सरकार खुद बैकफुट पर आ गयी और उसने उसे प्रवर समिति को सौंप दिया। सिंह ने कहा, ‘’इसका मतलब है कि राज्य सरकार लोकायुक्त अधिनियम को पारित करवाना ही नहीं चाहती थी और एक सोची समझी साजिश के तहत अधिनियम को लटकाने के लिए उसे प्रवर समिति को सौंप दिया।’’ उन्होंने कहा कि समिति की चार बैठकें हो चुकी हैं लेकिन अब तक लोकायुक्त अधिनियम को विधानसभा सत्र में नहीं लाया गया है और सरकार इसे सदन की संपत्ति बताते हुए यह भी नहीं बता रही कि इसे आखिर कब लाया जायेगा।
लोकायुक्त पुलिस ने की छापेमारी
सिंह ने पूछा, ‘‘यदि भ्रष्टाचार के खिलाफ बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति से काम कर रहे हैं और आप सचमुच ईमानदार हैं तो लोकायुक्त के गठन से क्यों डर रहे हैं।’’यह पूछे जाने पर कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने भी तत्कालीन लोकायुक्त अधिनियम—2014 में संशोधन करके लोकायुक्त की नियुक्ति को टालने का प्रयास क्यों किया था, सिंह ने कहा कि इसके लिये जनता ने उनकी पार्टी को दंडित किया और वह 11 (विधायकों) तक सिमट गयी।