लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली के 90,000 ऑटो रिक्शा चालकों को लुभाने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने बृहस्पतिवार को ऑटो किराए में 1.50 रुपये प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी। सरकार ने आधार किराए पर बनी किराया समीक्षा समिति की अन्य अनुशंसा को भी स्वीकृत कर लिया।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि शुरुआती दो किलोमीटर के लिए लगने वाला 25 रुपये अब शुरुआती डेढ़ किलोमीटर के लिए लागू होगा।
गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, “परिवहन विभाग की अधिसूचना के बाद नयी दरों को लागू किया जाएगा और किराया मीटर में बदलाव किए जाएंगे। मैं कैबिनेट के फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए विभाग को अधिसूचना जारी करने के संबंध में पत्र लिखूंगा।”
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शहर में ऑटोरिक्शा का मौजूदा किराया प्रति किलोमीटर आठ रुपये है जिसे बढ़ाकर 9.50 रुपये कर दिया गया है। किराए में यह 18.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। पिछली बार ऑटो किराया 2013 में शीला दीक्षित सरकार के समय बढ़ाया गया था।
ऑटोरिक्शा चालकों के बड़े धड़े ने 2013 में आम आदमी पार्टी के पहले चुनाव में और फिर फरवरी 2015 में उसका जोरदार समर्थन किया था।
हालांकि कई कारणों को लेकर ऑटो चालकों का एक धड़ा उनसे नाराज हो गया था। इनमें ऑटो किराए में बढ़ोतरी न होना और कैब सेवा प्रदाताओं पर लगाम न लगाना शामिल है। यह कदम अपने वोट बैंक को लुभाने के लिए उठाया गया है।
हालांकि सूत्रों का कहना है कि परिवहन विभाग उपराज्यपाल की अनुमति के बिना किराया बढ़ोतरी के लिए अधिसूचना जारी नहीं कर सकता।
समिति ने वेटिंग चार्ज भी मौजूदा 50 पैसे प्रति मिनट से बढ़ाकर 75 पैसे प्रति मिनट करने का सुझाव दिया और 15 मिनट के न्यूनतम इंतजार समय सीमा को भी हटा दिया।
वहीं ऑटो चालकों के संघ ने किराए में इस बढ़ोतरी को अपर्याप्त बताया और अनियमित ऐप आधारित कैब सेवाओं पर लगाम लगाने को कहा।