राष्ट्रीय राजधानी में रविवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘‘खराब’’ श्रेणी में दर्ज की गई और वातावरण में ‘पीएम 2.5’ कणों में पराली जलाने की हिस्सेदारी ‘‘काफी अधिक’’ बढ़ सकती है। वातावरण में शनिवार को कुल ‘पीएम 2.5’ कणों में से 19 फीसदी पराली जलाने की वजह से आए थे जो पहले के मुकाबले बढ़ गए हैं। ‘पीएम 2.5’ के कुल कणों में से शुक्रवार को 18 फीसदी पराली जलाने के कारण आए जबकि बुधवार को करीब 1 फीसदी और मंगलवार, सोमवार तथा रविवार को करीब 3 फीसदी कण इस वजह से आए।
इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर हमला करते हुए दावा किया कि पार्टी ने राष्ट्रीय राजधानी में खराब वायु गुणवत्ता की समस्या से निपटने के लिए पर्याप्त काम नहीं किया है। भाजपा के प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने कहा कि सफार (सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च) ने शुक्रवार को दिल्ली में AQI में सुधार की सूचना दी है।
बता दें कि दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) “खराब” श्रेणी में बरकरार है, शहर के पीएम 2.5 धुएं के योगदान के साथ, शनिवार को 11% से बढ़कर 22% तक हो गया, हवा के अनुसार पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत ये दिल्ली के लिए गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली है। CPCB के 4:00 PM के बुलेटिन के अनुसार, शनिवार को दिल्ली का AQI खराब श्रेणी में 287 पर दर्ज किया गया, जिसमें PM10 प्रमुख प्रदूषक था।
गौरतलब है कि दिन के वक्त हवा की गति लगभग 12 किमी प्रति घंटा थी, लेकिन पड़ोसी राज्यों से पराली के धुएं और उच्च स्थानीय प्रदूषण के कारण प्रदूषण का स्तर खराब बना रहा। वेंटिलेशन इंडेक्स – मिश्रण ऊंचाई और हवा की गति का कार्य करता है और दूषित पदार्थों को फैलाने के लिए वातावरण की क्षमता को परिभाषित करता है – शनिवार को 10,000 एम 2 / एस था। 2350 वर्ग मीटर/सेकंड से नीचे का वेंटिलेशन इंडेक्स खराब माना जाता है। मिश्रण की ऊंचाई वह ऊंचाई है जिस पर वायु में प्रदूषक मिश्रित होता है।