सेना प्रमुख बिपिन रावत डोकलाम और बांग्लादेशी घुसपैठ के मसले पर बोलते नजर आए। उन्होंने बुधवार को कहा कि डोकलाम के हालात ठीक हैं और परेशान होने का कोई कारण नहीं है। डोकलाम के हालात अब अच्छे हैं। डोकलाम विवाद के दौरान सिलिगुड़ी कॉरिडोर का जिक्र करते हुए रावत ने कहा कि इस पर खतरे का ख्याल रखा जा सकता है, लेकिन हमें उत्तर पूर्व की समस्याओं को समग्रता के साथ देखना होगा। उन्होंने कहा कि भारत के पूर्वोत्तर में बांग्लादेशी घुसपैठ के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। बीते दिनों विवादित तिराहे पर सड़क बनाने को लेकर भारत और चीन के बीच तनाव का माहौल बना रहा।
चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष एडमिरल लांबा ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि डोकलाम में तना-तनी सिलीगुड़ी कॉरिडोर की संवेदनशीलता दिखाती है। कार्यक्रम से इतर रावत से पत्रकारों ने डोकलाम के हालात के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘यह बिल्कुल ठीक है। चिंता करने की कोई बात नहीं है। ’भारत ने विवादित तिराहे में सड़क बनाने से चीनी सेना को रोक दिया था जिसके बाद दोनों देश की सेनाओं के बीच 73 दिन तक गतिरोध बना रहा। डोकलाम पर भूटान और चीन के बीच विवाद है। यह गतिरोध पिछले साल 28 अगस्त को खत्म हो गया।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में कमियों को खत्म करने और सीमा को सुरक्षित करने पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए एडमिरल लांबा ने कहा कि चीन के साथ नक्शे पर विवाद के बावजूद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई दशकों से शांति स्थापित है। उन्होंने कहा, ‘बहरहाल, पीएलए की तरफ से वास्तविक नियंत्रण रेखा से बार-बार घुसपैठ की घटनाएं और डोकलाम में हाल का गतिरोध चीन की बढ़ती दबंगई का एक संकेत है क्योंकि वह आर्थिक और सैन्य दोनों स्तर पर तेजी से प्रगति कर रहा है। हाल के घटनाक्रम ने सिलीगुड़ी कॉरिडोर की संवेदनशीलता उजागर कर दी है।’
नौसेना प्रमुख ने कहा कि पूर्वोत्तर में अंतरराष्ट्रीय सीमा का एक बड़ा हिस्सा है और बुनियादी ढांचा, अर्थव्यवस्था एवं संपर्क सुधार कर इस क्षेत्र का समावेश राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था एवं राष्ट्रीय सजगता में किया जाना चाहिए। इस महीने के शुरू में विदेश सचिव विजय गोखले, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और सेना प्रमुख जनरल रावत खामोशी से भूटान गए जहां उन्होंने सरकार के बड़े अधिकारियों के साथ डोकलाम के हालात समेत सामरिक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की।
बुधवार को नई दिल्ली में हुए इस एक सम्मेलन के दौरान संबोधित करते हुए लांबा ने कहा कि वह सीमा पर लगातार आक्रामक रवैया अपनाए हुए है। इसके अलावा पिछले साल के डोकलाम गतिरोध से साफ है कि सिलिगुड़ी कॉरिडोर भी खतरे से बाहर नहीं है। एडमिरल लान्बा ने कहा कि चीन की सेना के साथ पूरी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अक्सर झ़़डपें होती रहती हैं। यह झड़प पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा अतिक्रमण की कोशिशों के कारण होती है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर का बड़ा इलाका अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा से मिलता है। उन्होंने इस इलाके में ढांचागत निर्माण और देश के अन्य हिस्सों के साथ संपर्क बढ़ाने पर भी जोर दिया।
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