केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने ऐतिहाससिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खंड एक को छोड़कर बाकी दोनों खंडो को समाप्त कर दिया गया। मोदी सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद जहां कांग्रेस समेत कई विपक्षी राजनीतिक पार्टियों ने इसका विरोध किया तो दूसरी तरफ कई राजनीतिक पार्टियों ने इसका जोरदार समर्थन करते हुए तहे दिल से स्वागत किया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस महत्पूर्ण फैसले का स्वागत किया। वही, आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने केंद्र सरकार के अहम फैसले का समर्थन किया परन्तु उन्होंने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले का विरोध करते हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में इस विधेयक को पेश करते हुए एक बात कही कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति जैसे ही सामान्य हो जाएगी तो उसे फिर से राज्य का दर्जा प्रदान कर दी जाएगी। हालांकि इस प्रक्रिया में थोड़ा वक्त जरूर लगेगा। इसके आलावा अमित शाह ने यह भी कहा कि धारा 370 के शेष खंड को भी जल्द ही हटा दिया जाएगा क्यूंकि इसको हटाए बिना कश्मीर घाटी से आतंकवाद को समाप्त कर पाना मुमकिन नहीं है।
J-K पुनर्गठन बिल पर 61 वोट विरोध में तो 125 पक्ष में पड़े
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य प्रदान करने वाली धारा 370 के खंड एक को छोड़कर सभी प्रावधानों को खत्म कर दिया गया है। साथ ही केंद्र की मोदी सरकार ने राज्यसभा से जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पर विरोध में पड़े 61 के ऊपर 125 पक्ष में पड़े और इस ऐतिहासिक विधेयक को पारित करवा लिया है। इस बिल के पास होने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा जाएगा। इसके अंतर्गत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बन जाएंगे।