गया : जिलाधिकारी अभिषेक सिंह द्वारा महाबोधि मंदिर परिसर को आकर्षक बनाने हेतु सचिव, बिटीएमसी को किसी दान देने वाली संस्था के माध्यम से महाबोधि मंदिर परिसर में वॉटरपू्रफ घासवाले कृत्रिम कालीन बिछवाने का सुझाव दिया गया था। इसी क्रम में सचिवए ने श्रीलंका के विश्व परमी ट्रस्ट से संपर्क किया, जो महाबोधि मंदिर को आकर्षक एवं बौद्ध अनुयायियों के लिए आरामदायक बनाने के लिए लगातार नि:शुल्क कार्य करवा रहा है।
कहा गया है गुप्त दान महादान। संस्था ने जून 2018 में पवित्र बोधिवृक्ष के चारों ओर बने धातु के घेरे के ऊपर फिर से सुनहरा धातु से पॉलिश करवाया है और बोधिवृक्ष के ऊपर के चंदवा पर सोना मढ़वाया। यह काम उनके द्वारा 2 जून, 2018 से शुरू करवाया गया है जो अगस्त माह के अन्त में पूरा हुआ। यह सम्पूर्ण कार्य उन्होंने महाबोधि मंदिर के लिए दान स्वरूप किया है। 30 जून 2018 को ट्रस्ट के 150 सदस्य श्रीलंका से बोधगया तक चार्टर्ड विमान से आए पवित्र बोधिवृक्ष के सामने शाम की प्रार्थना सभा में भक्तिभाव से दो घंटे तक भाग ली और अगली सुबह पुन: वापस लौट गए। आयुक्त, मगध प्रमंडल, प्रार्थना सभा में मौजूद थीं। संस्था प्रचार से बचना चाहती हैं। इसलिए इसे सार्वजनिक नहीं किया गया।
इस बार उन्होंने महाबोधि मंदिर के अंदर के सभी मार्गों के लिए हरी घास वाला वाटरप्रूट कृत्रिम कालीन लाया है तथा बीटीएमसी कार्यालय की देखरेख में बिछाना शुरू कर दिया है। इसके लिए श्रीलंका से 10 कारीगरों का दाल भी लाया गया है। यह नि:शुल्क कार्य महाबोधि मंदिर के प्रति श्रद्धापूर्वक समर्पण के साथ दानस्वरूप बीटीएमसी को भेंट है। कालीन बिछने से श्रद्धालुओं को मई-जून की गर्मी के दिनों में फर्श की गर्माहट से उनके पैर नहीं जलेंगे साथ ही दिसंबर-जनवरी के कड़ाके की ठंड में भी आराम से चलेंगे। उन्होंने मंदिर परिसर की नियमित सफाई के लिए सफाई उपकरणों को भी दान में दिया है। अब बीटीएमसी कार्यालय को महाबोधि मंदिर परिसर एवं बिटीएमसी की नियमित रूप से साफ-सफाई करवाने के लिए अपने कर्मचारियों की करेगी।