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अरुण जेटली ने पीएनबी घोटाले पर तोड़ी चुप्पी, ऑडिटर्स-मैनेजमेंट पर उठाए सवाल

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नई दिल्ली : पंजाब नेशनल बैंक में हुए 11300 करोड़ रुपये के घोटाले पर पीएम नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री जेटली की चुप्पी पर विपक्ष लगातार हमलावर रहा है। इस मामले में अब तक न तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ बोला है और न ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने। हालांकि मंगलवार देर शाम वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी और इस घोटाले के लिए ऑडिटर्स और बैंक प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया।

जेटली ने चुप्पी तोड़ते हुए ऑडिटर्स, मैनेजमेंट और निगरानी एजेंसियों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आज कहा कि बैंकिंग प्रणाली के साथ धोखाधड़ी करने वाले धोखेबाजों को सरकार पकड़कर रहेगी। वित्त मंत्री दिल्ली में असोसिएशन्स ऑफ डिवेलपिंग फाइनैंसिंग इंस्टिट्यूशन इन एशिया ऐंड पसिफ़िक (ADFIAP) के वार्षिक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

गौरतलब है कि अरबपति जूलर नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चौकसी ने बैंक के कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) में 11,300 करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम दिया और विदेश भाग गए। इसके अलावा पेन बनाने वाली रोटोमैक कंपनी पर भी बैंकों से 3,695 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगा है।

विपक्ष के चौतरफा हमले के बीच वित्त मंत्री ने पहली बार इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘ऑडिटर्स क्या कर रहे हैं? यदि आंतरिक और बाहरी ऑडिटर्स गड़बड़ी को नहीं पकड़ सके तो सीए प्रफेशनल्स को अपने अंदर झांकने की जरूरत है।’

आरबीआई का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि सुपरवाइजरी एजेंसियों को यह पता लगाने की जरूरत है कि अनियमिताओं को पकड़ने के लिए किस तरह की नई प्रणालियों को अपनाया जाना चाहिए। निगरानी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छुटपुट मामलों को शुरू में ही पकड़ लिया जाए और उनकी पुनरावृत्ति ना हो।


वित्त मंत्री ने कहा, ‘जब मैनेजमेंट्स को अधिकार दिया गया है तो आप से उम्मीद की जाती है कि आप अधिकारों का प्रयोग प्रभावी रूप से और सही तरीके से करेंगे। बैंकों का मैनेजमेंट अपनी जिम्मेदारी पर खरा नहीं उतरा है, क्योंकि वे यह पता करने में विफल रहे हैं कि उनके बीच में वे कौन हैं जो गड़बड़ी करने वाले हैं।’

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