मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को केंद्र से राष्ट्रीय राजधानी को मिल रहे पानी के हिस्से को बढ़ाने की गुजारिश करते हुये कहा कि शहर के लिए पानी की जो मात्रा 1994 में मंजूर की गई थी, उसमें तब से अब तक कोई बदलाव नहीं आया है और उनकी सरकार 2024 तक महानगर के हर निवासी को हर वक्त पेयजल मुहैया करा देगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ 1994 में महानगर की आबादी 1.25 करोड़ थी जो अब बढ़ कर 2.25 करोड़ हो गई है लेकिन इस अनुपात में उसे मिलने वाले पानी की मात्रा में कोई इजाफ़ा नहीं हुआ है।’’ सरकार के एक प्रवक्ता ने ट्वीट में कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से दिल्ली के पानी के हिस्से को नए तरह से आवंटन का अनुरोध किया है।
कार्यक्रम में कहा, ‘‘दिल्ली के पास अपना जल स्रोत नहीं है। इसके लिए यमुना एवं गंगा नदियों के पानी के आवंटन (हिस्सा) का फैसला 1994 में लिया गया था।’’ उन्होंने कहा, “पिछले 25 साल में, शहर की आबादी 1.25 करोड़ से बढ़कर 2.25 करोड़ हो गई है लेकिन मुनक नहर से मिलने वाले पानी को अगर छोड़ दें तो पानी का उसका हिस्सा जस का तस है। हम केंद्र से इसे बढ़ाने की अपील करेंगे।”
केजरीवाल ने कहा, ‘‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है और शहर में पर्याप्त पेयजल सुनिश्चित करना प्रत्येक सरकार की साझा जिम्मेदारी है। हम सिंचाई के लिए पानी की मांग नहीं कर रहे, हमें पेयजल चाहिए।’’ वर्तमान में दिल्ली को गंग नहर, पश्चिमी यमुना नहर, भाखड़ा नहर एवं यमुना नदी से उसका पानी मिलता है। इसके अलावा दिल्ली जल बोर्ड हर दिन 8 करोड़ गैलन भूजल निकालता है।
मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि उनकी सरकार 2024 तक पूरे शहर को हर वक्त साफ पेयजल उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि चंद्रावल में 105 एमजीडी जल शोधन क्षमता वाला संयंत्र तीन सालों में बन कर तैयार होगा और इसके निर्माण पर 598 करोड़ रूपये खर्च होंगे।