दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल 13 से 17 मई तक पंजाब में अपने पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव प्रचार करेंगे।
यह जानकारी प्रतिपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा तथा चुनाव प्रचार कमेटी के अध्यक्ष अमन अरोड़ ने आज यहां पत्रकारों को दी। उन्होंने कहा कि पूरी लीडरशिप 12 मई के मतदान के बाद पंजाब के चुनाव प्रचार में जुट जायेगी। दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने स्वास्थ्य तथा शिक्षा सहित कई क्षेत्रों का कायाकल्प किया है,उसी तर्ज पर पार्टी यहां भी काम करेगी।
उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार को लेकर आज यहां विधायक दल की बैठक हुई जिसमें विजन डाक्यूमेंट तथा रोडमैप को लेकर मंथन किया। उन्होंने कहा कि आप पार्टी को खत्म करने की सुपारी ली गई थी,धीरे -धीरे उसी रणनीति के तहत आप के विधायकों को कांग्रेस में भेजा जा रहा है।
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उन्होंने रूठ कर जाने वाले अपनों से घर वापसी की अपील करते हुये कहा कि हम सभी लोगों के प्रति जवाबदेह हैं तथा मिलकर हमने पार्टी को पंजाब में खड़ किया,वे मनमुटाव भुलाकर घर वापसी करें। पार्टी को तोड़ने की मंशा के पीछे का एक ही मकसद है कि शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल को प्रतिपक्ष का नेता बनाया जा सके।
श्री अरोड़ ने पार्टी तोड़कर गये सुखपाल खेहरा के बारे में कुछ भी कहने से इंकार करते हुये कहा कि कांग्रेस ने उन्हें आप पार्टी को तोड़ने का काम दिया था और वो काफी हद तक कामयाब रहे और अपने साथ लेकर गये विधायक नाजर सिंह मानशहिया को कांग्रेस में शामिल करा दिया।
श्री चीमा ने कहा कि हमारे एक कार्यकर्ता पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है तथा उसका वीडियो बनाकर वायरल किया है। कांग्रेस का झूठ जल्द सामने आयेगा। हमने चुनाव आयोग को इसकी शिकायत की है। यह बठिंडा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी अमरिंदर राजा वडिंग का किया धरा है।
श्री अरोड़ ने कहा कि आम लोगों के मुद्दे इस बार चुनाव में गायब हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द, मोदी ने पिछले चुनाव में चाय वाला बनकर वोट लिये और इस बार चौकीदार बनकर। उन्होंने लोगों से किये वादे तो पूरे किये नहीं। इसी तरह पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी झूठ तथा जुमलों में श्री मोदी को मात दे दी। लोगों से वादे तो बहुत किये लेकिन एक वादा पूरा करने की कोशिश की। किसानों से पूर्ण कर्ज माफी का वादा किया,केवल गरीब तथा सीमांत किसान का फसली कर्ज ही माफ किया है।
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उन्होंने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से कहा कि यदि मिशन 13 पूरा नहीं हुआ तो अपने मंत्रियों तथा विधायकों की तरह आप को पद से इस्तीफा दे देना चाहिये। कैप्टन साहब को अपने 78 विधायकों पर भरोसा नहीं लगता। जिस तरह जगह -जगह पार्टी प्रत्याशियों का विरोध हो रहा है उससे संकेत मिलता है कि कांग्रेस हार रही है।
कैप्टन सिंह पर हमला बोलते हुये उन्होंने कहा कि अपने को असली फौजी कहने वाले कैप्टन साहब ने भूतपूर्व सैनिकों के लिए कुछ भी नहीं किया। फौजियों की लंबे समय से‘वन रैंक वन पैंशन’(ओआरओपी) समेत कई मांगों के बारे में न तो केंद, ने और न ही राज्य सरकार ने कुछ किया। फौजी सैनिकों को समर्पित गुरदासपुर-पठानकोट की सरजमीं के लिए कुछ कर दिखाने की कोई उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। कैप्टन सिंह वास्तव में‘शाही फौजी’हैं, जो महलों में रहते हैं,इन्हें असली फौजियों के साथ वोट लेने के अलावा कोई सरोकार नहीं।