नई दिल्ली : बाला साहिब अस्पताल की शुरुआत में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) रोड़ा बन रही है। चाहे कुछ भी हो जाए, पर अस्पताल को निजी हाथों में नहीं जाने दूंगा। उक्त बातें वरिष्ठ अकाली नेता व डीएसजीएमसी के पूर्व उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह भोगल ने कहीं हैं। भोगल ने आरोप लगाया कि पहले सरना बंधू और अब मौजूदा डीएसजीएमसी प्रबंधक बाला साहिब अस्पताल को खंडहर बनाने में तुले हैं।
डीएसजीएमसी अपने निजी स्वार्थ के लिए अस्पताल का काम शुरू नहीं होने दे रही है। उन्होंने डीएसजीएमसी को अस्पताल को लेकर अल्टीमेटम दिया है। अगर डीएसजीएमसी प्रबंधक बाला साहिब अस्पताल को निजी हाथों में सौंपते है तो वह सड़कों पर उतरेंगे और डीएसजीएमसी प्रबंधकों और बादल दल के खिलाफ प्रदर्शन के साथ घर-घर जाकर उनकी पोल खोलेंगे। भोगल ने डीएसजीएमसी से निर्माण कार्य का काम रुकवाने संबंधी सवाल पूछते हुए अस्पताल के नाम पर संगतों को गुमराह न करने की चेतावनी दी है।
पहले उन्होंने सरना बंधुओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, लेकिन अब पार्टी(शिअद बादल) के नेताओं और डीएसजीएमसी प्रबंधकों की नीति व नीयत ठीक नहीं लग रही है। भोगल ने बताया कि दिसंबर 2018 में मौजूदा डीएसजीएमसी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कारसेवा वाले बाबा बचन सिंह से अस्पताल की खंडहर इमारत के निर्माण कार्य को शुरू करने की अपील की थी। साथ ही डीएसजीएमसी की ओर से बाबा को 60 लाख रुपए भी देने का ऐलान किया था।