पूर्वी दिल्ली से नवनिर्वाचित सांसद गौतम गंभीर ने गुरुग्राम में एक मुस्लिम व्यक्ति पर हुए कथित हमले की घटना को सोमवार को ‘‘निंदनीय’’ करार दिया और प्राधिकारियों से इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की अपील की। हालांकि, दिल्ली में पार्टी के एक धड़े को उनकी यह टिप्पणी पसंद नहीं आई। उनका मानना है कि गंभीर के बयान का इस्तेमाल विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ कर सकते हैं।
दिल्ली भाजपा के प्रमुख मनोज तिवारी ने घटना की निंदा की लेकिन कहा कि लोगों को इस तरह की खबरों पर टिप्पणी करते वक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। उन्होंने दावा किया कि कुछ लोगों ने साजिशन अफवाह फैलाने और मुसलमानों में भय कायम करने के लक्ष्य के साथ ऐसा किया है। तिवारी ने कहा, ”लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है ताकि उन्हें इस तरह की अफवाहों से गुमराह नहीं किया जा सके। पूर्वी दिल्ली सीट से सांसद गौतम गंभीर ने इस मामले पर मासूमियत में टिप्पणी की है।”
उल्लेखनीय है कि गुरुग्राम में 25 मई को लोगों के एक समूह ने 25 वर्षीय एक मुस्लिम युवक की कथित रूप से पिटाई की थी। पीड़ित को कथित रूप से टोपी उतारने और ‘जय श्री राम’ का उद्घोष करने को कहा गया था। गंभीर ने ट्वीट किया, ‘‘गुरुग्राम में एक मुस्लिम व्यक्ति से टोपी उतारने, जय श्री राम का उद्घोष करने को कहा गया। यह निंदनीय है। गुरुग्राम प्राधिकारियों को ऐसी कार्रवाई करनी चाहिए जो एक मिसाल हो। हमारा राष्ट्र धर्मनिरपेक्ष है, जहां जावेद अख्तर ‘ओ पालन हारे, निर्गुण और न्यारे’ लिखते हैं और राकेश मेहरा ने हमें ‘दिल्ली 6’ में ‘अर्जियां’ जैसा गीत दिया।’’
हालांकि गंभीर के इस ट्वीट पर दिल्ली में उनकी पार्टी के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि क्रिकेटर से नेता बने गंभीर के शब्दों का इस्तेमाल विपक्षी दल भाजपा के खिलाफ कर सकते हैं। दिल्ली भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘गंभीर अब क्रिकेटर नहीं हैं और उन्हें यह समझना चाहिए कि उनके शब्दों और कार्यों को राजनीति के चश्मे से देखा जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसी को इस प्रकार की घटनाएं अच्छी नहीं लगतीं लेकिन हरियाणा में हुई किसी घटना पर बोलने का क्या फायदा है जिसे अन्य दल भाजपा के खिलाफ इस्तेमाल कर सकते हैं।’’
गंभीर ने एक अन्य ट्वीट किया , ‘‘धर्मनिरपेक्षता पर मेरे विचार माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ सबका विकास’ मंत्र से प्रेरित हैं।… मैं स्वयं को केवल गुरुग्राम की घटना तक सीमित नहीं रख रहा, जाति/धर्म के आधार पर किसी भी प्रकार का दमन निंदनीय है। भारत सहिष्णुता एवं समावेशी विकास की अवधारणा पर आधारित है।’’