बीजेपी प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा की गिरफ्तार के बाद ऐसा मौका आया जब तीन राज्यों की पुलिस आमने-सामने आ गई। दिल्ली से बग्गा की गिरफ्तार का मामला शुक्रवार देर रात तक गरमाया। गिरफ्तारी के लगभग 16 घंटों के बाद बग्गा की घर वापसी हो पाई। इस दौरान पंजाब पुलिस और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर कई आरोप लगे।
देर रात घर वापसी के बाद बीजेपी नेता बग्गा ने कहा कि मुझे न पटका पहनने का मौका दिया, न चप्पल पहनने का मौका दिया और मुझे पुलिस जीप के अंदर फेंक दिया। ये अवैध तरीके से ये अपहरण पंजाब पुलिस द्वारा किया गया था। लॉकल पुलिस को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई।
केजरीवाल के खिलाफ बोलने वाला देश का सबसे बड़ा आतंकी
बग्गा ने कहा कि निश्चित रूप से ये संदेश देने की कोशिश है कि जो अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बोलेगा वो देश का सबसे बड़ा आतंकवादी है और उसे हम छोड़ेंगे नहीं।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, शुक्रवार सुबह लगभग 8:00 बजे पंजाब पुलिस ने बग्गा को जनकपुरी स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया और मोहाली की ओर निकली। लेकिन दिल्ली पुलिस के कहने पर हरियाणा के कुरुक्षेत्र में पंजाब पुलिस के काफिले को रोक लिया गया। इस बीच हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने ऐलान किया कि वो बग्गा को पंजाब नहीं दिल्ली पुलिस को सौंपेंगे।
ऐसा हुआ भी और हरियाणा पुलिस ने बग्गा को दिल्ली पुलिस को सौंप दिया। इसके बाद रात को ही गुरुग्राम में द्वारका कोर्ट की मजिस्ट्रेट के घर पर बग्गा की पेशी हुई। मजिस्ट्रेट के यहां से राहत मिलने और रिहाई के बाद बग्गा समर्थकों के साथ अपने घर पहुंचे। जहां उनका जोरदार स्वागत हुआ।
पंजाब पुलिस ने किया हाई कोर्ट का रुख
तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को हिरासत में लेने वाली पंजाब पुलिस को हरियाणा में रोके जाने के खिलाफ पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट का रुख किया। पंजाब सरकार की अर्जी पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सुनवाई शनिवार तक स्थगित करते हुए इस मामले में हरियाणा सरकार और दिल्ली पुलिस को लिखित जवाब दाखिल करने के आदेश दे दिए हैं।
पंजाब पुलिस पर दर्ज हुआ अपहरण का केस
बग्गा की गिरफ्तारी पर उनके पिता ने दिल्ली पुलिस में शिकायत की है कि कुछ लोगों ने उनके घर में घुसकर मारपीट की और बग्गा को अपने साथ ले गए। शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस के जवानों पर अपहरण का मामला दर्ज किया।