बवाना में अग्निकांड में 17 लोगों की मौतों के बाद फैक्टरी हुआ बडा खुलासा है। यह खुलासा हादसे का शिकार होने से बचे एक मजदूर ने किया है। फैक्टरी का मालिक काम के दौरान फैक्टरी का गेट बाहर से बंद करवा देता था। हादसे के वक्त यह मजूदर वहीं था, उसके अनुसार मरने वालों की संख्या में कमी हो सकती थी। मजदूर के अनुसार फैक्टरी का मालिक मनोज जैन फैक्टरी को काम के दौरान बंद करवा देता था, जिससे कि मजदूर 6 घंटे की ड्यूटी करके ही बाहर निकलते थे। हादसे के वक्त भी ऐसा ही हुआ था।
फैक्टरी मालिक के आदेश पर चौकीदार ने फैक्टरी का गेट बंद कर दिया था। आग लगने के बाद सबसे पहले सूचना चौकिदार की दी गई, लेकिन उस वक्त चौकीदार शराब के नशे में था जिसके कारण वो सही वक्त पर गेट नहीं खोल सका। अगर उस वक्त गेट खोल दिया जाता तो हादसे में मारे गए लोगों को बचाया जा सकता था। यदि वह गेट खोल देता तो लोगों की जान बचाई जा सकती थी. सूत्रों के मुताबिक, पुलिस मालिक समेत चौकीदार पर भी कार्रवाई कर सकती है। फिलहाल इन आरोपों की जांच की जा रही है।
बताया जा रहा है कि फैक्ट्री के फर्स्ट फ्लोर और खिडकियां भी मालिक ने वायर से बंद करवा रखी थी। बालकनी से भी नीचे उतरने के लिए सीडियां नहीं थी। यही वजह रही कि आग लगने के बाद मजदूरों के पास छत से कूदने के अलावा कोई भी चारा नहीं रहा। फैक्ट्री में काम करने वाले एक अन्य मजदूर ने बताया कि, ” हमें यह कहकर फैक्ट्री में ले जाया गया था कि बोतल में प्लास्टिक ग्रेनुअल भरने हैं। इसके 6 से 8 हजार रुपये मिलते थे। जब हम फैक्ट्री गए तो वहां हमसे बोतल में बारूद भरवाया गया। बाद में इस काम के हमें 10 हजार रुपये मिलने लगे।
शुरुआत में हमने काम किया, लेकिन बाद में हमारी सेहत पर असर पड़ने लगा। कइयों ने स्वास्थ्य खराब होने पर काम करना छोड़ दिया। ”रोहिणी डीसीपी रजनीश गुप्ता ने बताया कि, ” एफएसएल टीम ने फैक्ट्री का निरिक्षण किया है। करीब चार घंटा टीम ने फैक्ट्री की छानबीन की। सैंपल इकठ्ठा किये गए हैं। सोमवार को फैक्ट्री के मालिक मनोज जैन को कोर्ट में पेश किया जाएगा। दिल्ली पुलिस ने उसे शनिवार देर रात उसे एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था।”
मनोज जैन ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि फैक्टरी में होली और शादी-विवाह के दौरान इस्तेमाल होने वाले पटाखों को पैक करवाता था और इसके लिए किसी लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है, उसके इस बयान को पुलिस जांच कर रही है। बवाना अग्निकांड के बाद दमकल विभाग ने इलाके की फैक्टरियों की सुरक्षा जांच करने का फैसला किया है। दिल्ली दमकल सेवाओं के निदेशक जॉसी मिश्रा ने बताया कि जिस इलाके में आग लगी, वहां बिजली की तारें अस्त- व्यस्त हैं।
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