रायपुर : छत्तीसगढ़ में भाजपा प्रत्याशियों के ऐलान पर सबकी नजरें टिकी हुई है। दिल्ली में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री सौदान सिंह एवं मुख्यमंत्री रमन सिंह ने केद्रीय नेतृत्व से रायशुमारी के बाद नाम तय कर दिए हैं। माना जा रहा है कि भाजपा ने इस बार त्रिकोणीय संघर्ष की आशंकाओं के चलते प्रत्याशियों के चयन में सावधानी बरती है। बस्तर में वापसी को लेकर भाजपा की रणनीति है। बस्तर में बीते चुनाव में करारी शिकस्त के बाद भाजपा इस बार वहां बड़ी तादाद में सफलता की उम्मीद लगाए हुए है।
यह वजह है कि नए और पुराने चेहरों को मिलाकर माहौल तैयार करने कवायदें हुई है। सूत्र दावा करते हैं कि शुरूआती दौर में करीब 40 सीटों में भाजपा ने नाम तय कर दिए हैं वहीं इन सीटों में चुनाव समिति की मुहर लगने की केवल औपचारिकता ही बाकी है। अन्य 50 सीटों में नए सिरे से मशक्कतें भी करनी पड़ी है। इस पर केन्द्रीय नेतृत्व को ही अंतिम फैसला करना है। पहले खेप में 40 सीटों में प्रत्याशियों के ऐलान के संकेत मिल रहे हैं। इनमें पहले चरण की सभी 18 सीटें शामिल है। हालांकि तैयारी के लिए पहले ही दिल्ली से प्रत्याशियों को इशारा कर दिया गया है।
बस्तर और राजनांदगांव में सफलता और राजनीतिक नफे नुकसान के आंकलन पर जोर दिया गया है। एक एक सीटों के स्थानीय समीकरणों को भी टटोला गया है। इस वजह से भी समीकरणों को काफी रोचक माना जा रहा है। इस बार कांग्रेस की ओर से सत्ताधारी दल को कड़ी चुनौती मिल रही है। एंटी इंकमबेंसी फैक्टर हावी होने के बाद रणनीतियों में भी बदलाव करना पड़ा है।
ऐसे में प्रत्याशी चयन पर मामला काफी हद तक निर्भर करेगा। दूसरी तरफ मैदानी सीटों में समीकरणों और प्रत्याशी चयन पर भी भाजपा मुख्य विरोधी कांग्रेस से पहले पत्ते खोलने के मूड में नजर नहीं आती। इसके लिए कांग्रेस में उम्मीदवारों की घोषणा तक इंतजार करना पड़ सकता है।