पटना : नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से आयोजित ‘एकरारनामा हस्ताक्षर समारोह’ को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एक साथ पांच एकरारनामा पर हस्ताक्षर से बिहार में योजनाबद्ध तरीके से शहरीकरण की गति तेज होगी। बिहार में मात्र 11 प्रतिशत शहरीकरण है जबकि गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु आदि में 40 से 50 प्रतिषत तक है। 17,887 करोड़ की लागत से पटना मेट्रो की संशोधित डीपीआर की स्वीकृति मंत्रिपरिषद से मिल चुकी है। 275 करोड़ की लागत से पटना में अन्तरराष्ट्रीय स्तर का बस टर्मिनल अगले साल बन कर तैयार हो जायेगा।
श्री मोदी ने कहा कि ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ योजना के तहत अगले 3 साल में नगर विकास विभाग साढ़े तीन लाख सामूहिक आवास उपलब्ध करायेगा। वैसे षहरी क्षेत्रों में 7 लाख आवास की जरूरत है। भारत सरकार द्वारा व्यक्तिगत आवास योजना के तहत 64,448 आवासों का काम प्रारंभ हो गया है। आन्ध्र प्रदेश की अमरावती की तर्ज पर बिहार में भी एक-दो स्थानों पर जमीन अधिग्रहण किए बिना ‘लैंड पुलिंग’ के जरिए प्रायोगिक तौर पर आवास योजना शुरू करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 02 अक्तूबर, 2019 तक पूरे देश को खुले में शौच से मुक्त करने के संकल्प के तहत बिहार के 3,367 वार्ड में से 97 प्रतिशत ओडीएफ हो गए हैं। 99 नगर निकाय भी ओडीएफ घोषित किए जा चुके हैं। 2018-19 में मुख्यमंत्री नली-गली पक्कीकरण योजना के तहत षहरी क्षेत्र के सभी वार्ड की नली-गली के साथ अगले 3 साल में गांवों की नली-गली के भी पक्कीकरण का लक्ष्य है। बिहार के शहरी के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के भी प्रत्येक घरों में नल से पेयजल पहुंचाने की योजना शुरू हो चुकी है।
पटना में नमामि गंगे योजना के तहत 250 करोड़ की लागत से कलेक्टेरियट घाट से गाय घाट तक रिवर फ्रंट का विकास किया गया है। 4,660 करोड़ की लागत से पटना में सिवरेज प्लांट और सिवरेज ट्रीटमेंट की योजना कार्यान्वित हो रही है। पटना के षहरी क्षेत्रों में 55 हजार एलईडी लाइट लगाए गए हैं। होल्डिंग टैक्स से पिछले साल की 42 करोड़ की तुलना में इस साल की प्रथम छहमाही में ही 100 करोड़ लक्ष्य के विरूद्ध 45 करोड़ की वसूली हो चुकी है। नगरीय सुविधाओं के विकास के लिए एनडीए की सरकार लगातार प्रयासरत है।