भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज दिल्ली में एक कार्यक्रम में विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन पर सवाल उठाए। सेना प्रमुख ने देशभर में हुए प्रदर्शनों के दौरान हुई तोड़फोड़ को लेकर बोलते हुए कहा कि नेता वे नहीं हैं जो हिंसा करने वाले लोगों का नेतृत्व करते हैं। छात्र विश्वविद्यालयों से निकलकर हिंसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा भड़काना नेतृत्व करना नहीं है।
उन्होंने किसी विश्वविद्यालय का नाम लिए बिना कहा कि नेतृत्व क्षमता वह नहीं है जो लोगों को गलत दिशा में लेकर जाती हो। आज हम सब बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्रों की अगुआई में कई शहरों में भीड़ और लोगों को हिंसक प्रदर्शन करते देख रहे हैं। यह नेतृत्व क्षमता नहीं है।
मुश्कित परिस्थितियों में सीमा पर डटे जवानों की सराहना करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि आज हम खुद को ठंड से बचाने के लिए कई तरह के गर्म कपड़े पहने हुए हैं। इसे देखते हुए मैं अपने अन जवानों को श्रद्धा जताना चाहता हूं जो सियाचिन में सॉल्टोरो रिज और अन्य ऊंचाई वाले स्थनों पर सीमा की सुरक्षा के लिए खड़े रहते हैं, जहां तापमान -10 से -45 डिग्री के बीच रहता है।