केरल की एक अदालत ने शनिवार को बिशप फ्रैंको मुलक्कल की न्यायिक हिरासत 20 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। बिशप को 2014 और 2016 के बीच एक नन के साथ लगातार दुष्कर्म करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। मुलक्कल को यहां पाला न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत के न्यायाधीश एम. लक्ष्मी के समक्ष पेश किया गया, जहां उनकी न्यायकि हिरासत दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी गई। इससे पहले उन्हें नियमित चिकित्सा जांच के लिए ले जाया गया था।
मुलक्कल को तीन दिन तक पूछताछ करने के बाद 21 सितंबर को गिरफ्तार किया गया और 24 सितंबर को इसी अदालत ने उन्हें दो सप्ताह की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। पूरी कार्यवाही करीब पांच मिनट तक चली और उन्होंने अदालत को सूचित किया कि उन्हें पाला उपकारागार में कोई समस्या नहीं है। उन्हें हिरासत के आदेश के बाद से ही यहां पर रखा गया है। हालांकि उनके वकील ने मीडिया को सूचित किया कि आगामी सप्ताह में वह जमानत के लिए केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। केरल उच्च न्यायालय ने तीन अक्टूबर को मुलक्कल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, क्योंकि न्यायमूर्ति वी. राजा विजयराघवन ने पाया कि बिशप के खिलाफ सबूत हैं।