नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा के चुनाव अक्टूबर में कराए जाने की आशंकाओं के बीच आम आदमी पार्टी (आप) ने कांग्रेस और भाजपा के बीच गठबंधन होने का आरोप लगाया है। साथ ही पार्टी का आरोप है कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की ओर से यह निर्देश पार्षदों को दिया गया था। पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में भाजपा को हराने का दम भरने वाली कांग्रेस ने उत्तरी निगम के जोन चुनाव में आप को हराने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया। उन्होंने कहा कि उत्तरी निगम के अंदर नरेला और सिटी एसपी जोन हैं।
सिटी एसपी जोन में आठ काउंसलर हैं जिनका मतलब है कि 8 वोट आम आदमी पार्टी के पास हैं, 6 काउंसलर अर्थात 6 वोट कांग्रेस के पास हैं, और 3 काउंसलर भाजपा के पास अर्थात 3 वोट भाजपा के पास हैं। जोन के चुनाव में 3 पद होते हैं। पहला अध्यक्ष का होता है, दूसरा पद उपाध्यक्ष का होता है और तीसरा पद स्टैंडिंग कमेटी मेंबर का होता है। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस के प्रत्याशी 9-9 वोट के साथ जीते और स्टैंडिंग कमेटी मेंबर के पद पर भाजपा का प्रत्याशी 9 वोट के साथ जीता।
अर्थात कांग्रेस के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशियों के पक्ष में 6-6 वोट कांग्रेस के और तीन वोट भाजपा के पड़े। इसी प्रकार भाजपा के स्टैंडिंग कमेटी मेंबर पद के प्रत्याशी के पक्ष में 6 वोट कांग्रेस के और 3 वोट भाजपा के पड़े। इस पूरे चुनाव से साफ जाहिर हो गया है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों मिली हुई हैं और दोनों ने मिलकर यह जोन का चुनाव लड़ा है।
राय ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय भी यह प्रश्न उठे थे कि अगर कांग्रेस भाजपा को हराना चाहती है तो दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और हरियाणा आदि राज्यों में हर जगह जहां पर विपक्ष मजबूत है, वहां अपने प्रत्याशियों को अलग से चुनाव लड़वाकर वोट काटने का काम क्यों कर रही है? उन्हानें कहा कि नॉर्थ जोन के चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा के साथ गठबंधन करके आप के खिलाफ जो षड्यंत्र किया है, उसने कांग्रेस की उस समय की मंशा को साफ कर दिया है।