नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश भाजपा मैक्स अस्पताल को लेकर दो खेमों में बंट चुकी है। शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में हुई एक मीटिंग में इसका नजारा देखने को मिला। मीटिंग में प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी और उनका खेमा मैक्स अस्पताल वाले मामले में विरोध-प्रदर्शन करने के खिलाफ था तो दूसरा खेमा लगातार मैक्स अस्पताल के मामले में दिल्ली सरकार को घेरने के लिए विरोध प्रदर्शन करने के पक्ष में था। शुक्रवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रदेश के पदाधिकारियों की मीटिंग हुई।
जिसमें पहली बार प्रदेश के किसी भी प्रवक्ता को नहीं बुलाया गया था। इससे यह साफ है कि प्रदेश का एक खेमा नहीं चाहता है कि उन लोगों को प्रदेश की बैठकों से बाहर रखा जाए जिन पर प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ठप्पा लगा हुआ है। इसीलिए प्रदेश प्रवक्ताओं को मीटिंग से बाहर रखा गया था। प्रदेश कार्यालय में हुई मीटिंग में एक बड़ा मामला यह था कि प्रदेश नेतृत्व को छोड़कर प्रदेश की पूरी टीम चाहती है कि मैक्स मामले पर दिल्ली सरकार को जमकर घेरा जाए और लगातार विरोध प्रदर्शन किया जाए।
इसी बात को लेकर प्रदेश उपाध्यक्ष अभय वर्मा ने कार्यालय में हुई मीटिंग में प्रदेश नेतृत्व की मुखालफत की। अभय वर्मा के बयान के बाद अन्य कई पदाधिकारियों ने प्रदेश नेतृत्व के बयान को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया। बहरहाल, एक बात साफ है कि मैक्स अस्पताल के मुद्दे पर भाजपा एक बार फिर से गुटबाजी का शिकार हो गई है।
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