शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के पूर्व नेता और कुछ ही दिन पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी (डीएसजीपीसी) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। भाजपा जॉइन करने से ठीक पहले उन्होंने दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। अब उन्होंने तकनीकी और कानूनी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा वापस ले लिया है।
Delhi Sikh Gurdwara Management Committee president Manjinder Singh Sirsa withdraws resignation, citing “technical and legal issues” pic.twitter.com/XKsTgZqluN
— ANI (@ANI) December 31, 2021
तीसरी लहर के आने का खतरा
सिरसा ने इस्तीफा वापस लेने वाले पत्र में लिखा है कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी के स्टाफ की सैलरी दो महीने से रुकी हुई है। इसके अलावा कमिटी की ओर से संचालित गुरु हरकिशन पब्लिक स्कूल के स्टाफ की भी सैलरी रुकी है। यही नहीं देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर आने का खतरा है। ऐसे में काम को संभालना बहुत जरूरी है और किसी भी तरह की समस्या नहीं आनी चाहिए।
सिरसा के दांव से भाजपा की पकड़ होगी मजबूत
इसके आगे उन्होंने लिखा है कि इस्तीफे के बाद पैदा हुए तकनीकी और कानूनी मुद्दों के हल के लिए ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं तत्काल प्रभाव से अपना इस्तीफा वापस ले रहा हूं। भाजपा नेता ने लिखा कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी की नई टीम के गठन होने तक वह जिम्मेदारी को संभालते रहेंगे।
माना जा रहा है कि सिरसा के पद पर बने रहने से भाजपा की सिख समुदाय के बीच पकड़ मजबूत हो सकेगी। पंजाब चुनाव से पहले सिरसा का भाजपा में शामिल होना अहम माना जा रहा है। वह अकाली दल के भी नेता रहे हैं और दिल्ली में सिखों के बीच उनका अच्छा प्रभाव माना जाता रहा है।