दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को भाजपा नियंत्रित दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) पर एक रिपोर्ट कार्ड जारी किया और इसे ‘सबसे भ्रष्ट विभाग’ बताया।
मीडिया से बातचीत करते हुए केजरीवाल ने कहा कि शहर में कूड़ा निस्तारण की स्थिति की वजह से लोग दिल्ली को ‘गार्बिज कैपिटल’ कह रहे हैं। राजधानी में कचरा प्रबंधन एमसीडी की जिम्मेदारी है।
केजरीवाल ने कहा, ‘एमसीडी शहर में कचरे को मैनेज करने में समर्थ नहीं है और इसने दिल्ली को गार्बिज कैपिटल में बदल दिया है।’
उन्होंने कहा कि शहर के हर हिस्से में कूड़े के ढेर दिखाई देते हैं।
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली के लिए यह शर्म की बात है कि दिल्ली को भाजपा के स्वच्छ भारत मिशन में निचले पायदान पर जगह मिली है, जबकि दिल्ली एमसीडी को भारत सरकार के 2019 के 49 सबसे बड़े शहरों में स्वच्छता के लिए निचले 10 में जगह मिली है।’
केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को गाजपुर में भारी कचड़े के ढेर की वजह से होने वाली भारी असुविधा को भी उजागर किया।
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली को भाजपा का सबसे बड़ा उपहार गाजीपुर में कचरे का पहाड़ है, जिसके आगरा में ताजमहल से ऊंचा होने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, लैंडफिल को डंप के ऊपर से उड़ान भरने वाले हवाई यातायात को चेतावनी देने के लिए लाल बत्तियां लगाई जानी चाहिए। इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि दिल्ली में सिर्फ 40 फीसदी कचरे को संसाधित किया जाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि एमसीडी के आंतरिक ऑडिट में भी खुलासा हुआ कि यह भ्रष्टाचार का अड्डा है, जो अपनी वित्तीय गड़बड़ियों को छिपा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यहां तक कि एक छोटा बच्चा भी इसे सबसे भ्रष्ट विभाग बुला रहा है।’
उन्होंने कहा कि उत्तर क्षेत्र एमसीडी के मुख्य ऑडिटर को विभाग में 3,299 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता मिली है।
उन्होंने कहा कि एमसीडी द्वारा संचालित सार्वजनिक शौचालयों में 90 फीसदी में बिजली, पानी, गार्ड या रखरखाव कर्मियों की कमी है। इनमें से ज्यादातर बंद है या उन पर ताला लगा है।
दूसरी तरफ दिल्ली की आप सरकार ने डीयूएसआईबी (दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड) के जरिए 20,000 नए व सुसज्जित सार्वजनिक शौचालय बनवाए हैं।