पटना : भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने बिहार विधानसभा में विरोधी दल नेता तेजस्वी यादव को भाषा की मर्यादा बनाए रखने की सलाह दी है और कहा कि राजनीति में सभी को नैतिक तौर पर भाषा की गरिमा बनाए रखना चाहिए। तेजस्वी ने अपनी भाषा से बिहार के मुख्यमंत्री जी का ही नहीं बल्कि बिहार की जनता का अपमान किया है।
श्री आनन्द ने कहा कि मां-पिताजी के पारिवारिक विरासत की बदौलत तेजस्वी को आरजेडी के नेता का उत्तराधिकार भले ही मिल गया है। लेकिन उनमें शिक्षा, ज्ञान और संस्कार की कमी स्पष्ट तौर पर दिखाई देती है। हास्यास्पद है कि राजनीति में आकर व संवैधानिक पद पर रहकर भी तेजस्वी ने संवैधानिक पदों के लिये सम्मान का भाव नही सीखा है, यह दुखद पहलू है।
अगर ऐसा नहीं होता तो तेजस्वी ने अपने ट्वीट में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के लिये ट्वीट करते हुए सम्बोधन में धिक्कारवादी 420 नीतीश चाचा जी शब्द का इस्तेमाल नहीं करते। तेजस्वी का पूरा ट्वीट और उसका लिंक इस प्रकार है-श्री श्री धिक्कारवादी 420 नीतीश चाचा जी, रिपोर्ट पढि़ए और बताइये नंगा होना किसे कहते? बिहारी जनमानस आपसे कह रहा है कि आगे से अपनी जनादेश डकैत मार्का जुबान से गांधी, लोहिया और जेपी का नाम नहीं लेना। किस मुंह से उछल-उछल मुझसे स्पष्टीकरण मांग रहे थे?
भाजपा प्रवक्ता ने तेजस्वी यादव के ट्वीट का जवाब ट्वीट करके भी दिया है और कहा है कि तेजस्वी बिहार के मुख्यमंत्री का अपमान करने के लिये बिहार की जनता से माफी मांगें। श्री आनन्द का ट्वीट कि प्रकार है यादव जी राजनीति में संवाद की मर्यादा होती है। विपक्ष के नेता के तौर पर आरोप- प्रत्यारोप करें लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री के नीतीश कुमार के बारे में इतनी घटिया अभिव्यक्ति आपकी शिक्षा, ज्ञान, संस्कार, विरासत और राजनीति के वैचारिक खोखलेपन को जाहिर करता है।