नई दिल्ली : दिल्ली सरकार द्वारा मेट्रो और डीटीसी बसों में महिलाओं को निशुल्क यात्रा कराने की घोषणा के बाद से राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। ऐसे में दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इसे झूठी घोषणा बताते हुए केजरीवाल को घोषणा मंत्री करार दिया है। दिल्ली से भाजपा के सांसद सवाल उठा रहे हैं कि आखिर केजरीवाल सरकार ने पूर्व में की गई घोषणाओं पर कितना अमल किया है, जो कि नया झूठ बोलकर पूरा कर पाएंगे मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली के घोषणा मंत्री ने दिल्ली के लोगों से एक और झूठी घोषणा की है।
घोषणा मंत्री ने लोकलुभावन अनेक झूठी घोषणाएं दिल्ली के लोगों के लिए की, लेकिन उसमें से किसी भी घोषणा को पूरा नहीं किया, जब पूरा करने का समय आया तो फिर एक नई घोषणा कर दी। आठ महीनों में अचानक इन्हें दिल्ली की सत्ता से अपनी जमीन खिसकते हुए नजर आ रही है। तिवारी ने कहा कि मैं दिल्ली के लोगों से झूठी घोषणाओं से बचने की अपील करता हूं, यह इनका वोट खरीदने की एक और नाकाम कोशिश है।
दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनी, साफ पानी, नालों की सफाई, यमुना का जलस्तर, हर घर जल कैसे पहुंचाया जाए इस पर दिल्ली सरकार कोई बात नहीं कर रही है लेकिन नई घोषणा दिल्ली के लिए फिर से की जा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कहीं पर जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हुआ वैसी ही एक नाकाम कोशिश वे दिल्ली में महिलाओं को मुफ्त सफर कराने की बात बोलकर कर रहे हैं। भाजपा नेता विजय गोयल ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री एक बार फिर दिल्ली की जनता को गुमराह करने में लगे हुए हैं।
दिल्ली के चुनाव नजदीक हैं, तब वे लोकलुभावन प्रलोभन देकर सोच रहे हैं कि दिल्ली की जनता को गुमराह किया जा सकता है। गोयल ने कहा कि केजरीवाल अब जो मेट्रो और बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की बात कर रहे हैं, उन्हें साढ़े चार साल तक महिलाओं की सुरक्षा और मुफ्त यात्रा की याद क्यों नहीं आयी। ये तो वही हो गया कि वो जनता के पैसे से ही जनता को सब्सिडी देकर मुफ्त की वाहवाही लूट रहे हैं। गोयल ने कहा कि खुद आम आदमी पार्टी कह रही है कि चुनाव अक्तूबर में हो सकते हैं। फिर इससे ये तो साफ हो ही गया कि चुनावों से पूर्व यह चुनावी घोषणा मात्र है।
उन्होंने कहा कि ‘काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती’ और केजरीवाल साहब ने जनता का भरोसा तोड़ दिया है। विधानसभा में नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि आर्थिक व सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों को मुफ्त यात्रा का लाभ दिया जाना चाहिए क्योंकि अनेक सोशल एक्टिविस्ट महिलाएं इसे महिलाओं के आत्मसम्मान के विरुद्ध मान रही हैं। उनकी आपत्ति को भी ध्यान में रखना होगा। मुफ्त यात्रा से बड़ी संख्या में महिला यात्री जुड़ेंगी। उनके लिए व्यवस्था करने को सरकार को तैयार रहना होगा । आधारभूत ढांचे में अनुपातिक वृद्धि करनी होगी।