निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड के दोषियों को फांसी में देरी पर गुरूवार को भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिला जहां भाजपा ने फांसी में विलंब में दिल्ली सरकार की संलिप्तता और लापरवाही की बात कही तो ‘आप’ ने भाजपा पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कानून व्यवस्था केंद्र के पास है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पत्रकारों से कहा कि 2017 में मृत्युदंड के खिलाफ अपील को खारिज करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के तत्काल बाद सभी दोषियों को अगर आप सरकार ने नोटिस दे दिया होता तो अब तक उन्हें फांसी हो चुकी होती और देश को इंसाफ मिल चुका होता।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर उन्हें अभी तक फांसी नहीं दी गयी है तो यह आप सरकार की लापरवाही की वजह से है। दिल्ली की आप सरकार की संलिप्तता की वजह से ढाई साल से अधिक की देरी हुई। दिल्ली सरकार को दोषियों से सहानुभूति है और यह देरी इसी का नतीजा है।’’
पटलवार करते हुए उप मुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार को चुनौती दी कि दिल्ली की कानून व्यवस्था दो दिन के लिए उनकी सरकार को देकर दिखाएं और वह दोषियों को फांसी पर लटका देगी।
सिसोदिया और आप नेता संजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेता ने झूठ बोला है और असंवेदनशील बयान दिया है।
सिसोदिया ने कहा, ‘‘जावड़ेकर जी पुलिस आपके अधीन है। कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी आपके पास है। गृह मंत्रालय आपके पास है। तिहाड़ के डीजी और प्रशासन आपके अधीन हैं और आप हमें जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। एक संवेदनशील मामले में इतना नीचे मत गिरिए। यह लोगों को उकसाने का स्पष्ट प्रयास है।’’
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं आपसे (जावड़ेकर से) पूछना चाहता हूं कि आप जिम्मेदारी क्यों नहीं ले रहे। अगर आप से दिल्ली की कानून व्यवस्था नहीं संभलती तो दिल्ली पुलिस और कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी दो दिन के लिए हमें दे दीजिए और हम निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटका देंगे।’’
राज्यसभा सदस्य सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जो भी देरी हो रही है उसकी जिम्मेदार भाजपा है इसलिए लोगों को गुमराह करने के बजाए केंद्रीय मंत्री को ऐसे संवदेनशील मामले की अनदेखी करने के लिए माफी मांगनी चाहिए।’’
सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कानून व्यवस्था का विषय केंद्र के अधीन है।
जावड़ेकर ने कहा कि दिल्ली सरकार को उच्चतम न्यायालय के आदेश के कुछ ही दिन के भीतर दोषियों को नोटिस भेज देने थे। अब तक इंसाफ हो चुका होता।
दिल्ली की एक अदालत ने सात जनवरी को निर्भया मामले के चारों दोषियों मुकेश (32), विनय शर्मा (26), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को तिहाड़ जेल में 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी देने का आदेश दिया था।
दिल्ली सरकार ने बुधवार को उच्च न्यायालय में कहा कि एक दोषी की दया याचिका लंबित रहने की वजह से फांसी को टालना होगा।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने बुधवार को निर्भया दुष्कर्म और हत्या मामले में मौत की सजा पाए चार दोषियों में से एक मुकेश की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की और उसे ‘‘बिजली की गति’’ से उपराज्यपाल के पास भेज दिया।