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सांसदों को मैदान में उतारेगी भाजपा

प्रभावी होने की स्थिति में भाजपा की ओर से यह रणनीति अपनाई गई है। ऐसी स्थिति में विधायकों को बाहर कर सांसदों को मैदान में उतारा जा सकता है।

रायपुर : छत्तीसगढ़ के चुनावी मिशन में भाजपा इस बार प्रत्याशी चयन में किसी तरह की चूक करने के पक्ष में नजर नहीं आ रही है। यही वजह है कि पार्टी अपने मौजूदा सांसदों को भी मैदान में उतारने से गुरेज नहीं कर रही है। हालांकि भाजपा संगठन में जिन सांसदों के नाम पैनल में आए हैं वे पहले भी विधायक रह चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक फिलहाल तीन सांसदों को उतारने पर सैद्धांतिक सहमति भी बन गई है। इनमें विक्रम उसेंडी, कमलभान सिंह और लखनलाल साहू का नाम लिया जा रहा है।

रणनीतिक कवायदों के बीच इस मामले में भाजपा हाईकमान ही अंतिम निर्णय करेगा। दरअसल, रमन सरकार के तीसरे कार्यकाल में मौजूदा पचास फीसदी विधायकों समेत मंत्रियों के खिलाफ भारी नाराजगी सामने आई है। ऐसी स्थिति में इन विधायकों के पर कतरने का फैसला भी हो चुका है। स्थानीय स्तर पर विधायकों के खिलाफ एंटी इंकमबेंसी फैक्टर के प्रभावी होने की स्थिति में भाजपा की ओर से यह रणनीति अपनाई गई है। ऐसी स्थिति में विधायकों को बाहर कर सांसदों को मैदान में उतारा जा सकता है।

इधर कांग्रेस भी राजनांदगांव की प्रतिष्ठापूर्ण सीट में नए समीकरणों के साथ रणनीतियों पर मंथन किया है। मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा सीट बदलने की सुगबुगाहटों के बाद प्रत्याशी चयन की मंत्रणा के बावजूद पुराने पैनल को पेंडिंग रखा गया है। यह देखा जाएगा कि सीएम के नाम का ऐलान किस सीट पर होता है।

वहीं कुछ सीटों में इसी तरह की समीकरणों के साथ प्रत्याशियों को उतारा जाएगा। भाजपा संगठन ने पर्यवेक्षकों के जरिए सभी सीटों में नए और योग्य प्रत्याशी चयन पर जोर दिया है। यही वजह है कि भाजपा में लंबे समय से काम करने वाले स्थानीय नेताओं को इस बार सामने लाने पर निर्णय हुआ है। ऐसी स्थिति में भाजपा के पुराने पदाधिकारियों की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है। जिन सांसदों के नाम सामने आए हैं उनमें एक वरिष्ठ सांसद के नाम को लेकर अभी पत्ते नहीं खोले गए हैं।

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