संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के पोते और पूर्व लोकसभा सांसद प्रकाश आंबेडकर ने शनिवार को आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले नयी पार्टियों के गठन के पीछे भाजपा की भूमिका है।
उन्होंने कहा, ‘राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले नयी पार्टियों के गठन के पीछे भाजपा की चाल है। प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ लोगों के मन में कहीं न कहीं रोष है। नयी पार्टियों के गठन के जरिये इस रोष को दबाने की कोशिश की जा रही है, ताकि भाजपा के विरोधी दलों को चुनावों में फायदा न मिल सके।’
प्रकाश आंबेडकर ने कहा, ‘मैं यह बात हालांकि दावे के साथ नहीं कह रहा हूं लेकिन मुझे पता चला है कि आगामी चुनावों से पहले 42 सियासी पार्टियां गठित की गयी हैं।’ राज्य के विधानसभा चुनावों में जारी प्रचार के दौरान ‘दलितों के मसीहा’ की महू स्थित जन्मस्थली पर बने उनके स्मारक में भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेता लगातार दिखायी दे रहे हैं।
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इस बात के जिक्र पर पूर्व लोकसभा सांसद ने किसी पार्टी विशेष के नेताओं का नाम लिये बगैर कहा, ‘यह ज्यादा अच्छा होगा कि सियासी नेता आंबेडकर स्मारक जाने की चुनावी नौटंकी करने के बजाय संविधान निर्माता के विचारों के सामने मत्था टेकें। ऐसा दिखावा करने वाले सियासी नेताओं की सोच आम्बेडकर की विचारधारा से अलग है।’
उन्होंने कहा, ‘बाबा साहब केवल दलितों के आदर्श नहीं, बल्कि देश की मौजूदा संवैधानिक व्यवस्था के निर्माता रहे हैं। सियासी नेता बाबा साहब को मिली इज्जत को चुनावी दौर में भुनाने की कोशिश करते हैं। लेकिन आम जनता बेवकूफ नहीं है और वह इन लोगों की हकीकत जानती है।’