उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश ए एम खानविलकर ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील 64 करोड़ रुपए के बोफोर्स भुगतान मामले की सुनवाई से आज स्वयं को अलग कर लिया। न्यायमूर्ति खानविलकर, प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ का हिस्सा थे। उन्होंने मामले की सुनवाई से अलग रहने का विकल्प चुनने के पीछे का कोई कारण नहीं बताया। इस पीठ में न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ भी शामिल थे।
पीठ ने कहा कि मामले की 28 मार्च को सुनवाई के लिए नई पीठ का गठन किया जाएगा। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 31 मई 2005 को फैसला सुनाते हुए मामले के सभी आरोपियों के खिलाफ सभी आरोप खारिज कर दिए थे। भाजपा नेता अजय अग्रवाल ने अदालत के इस आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई इस पीठ को करनी थी।
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