भारत दुनिया का सबसे प्रदूषित देश है जहां हर साल 20 लाख से ज़्यादा लोग प्रदूषित हवा की वजह से मरते हैं। ये तादाद दुनिया में सबसे ज़्यादा है। WHO रिपोर्ट में चौंकाने वाली बात ये है कि दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में 14 भारत के हैं। दिल्ली भारत का सबसे प्रदूषित शहर है जबकि कानपुर दूसरे और गुरुग्राम तीसरे नंबर पर है। राजधानी दिल्ली में धुंध की चादर लगातार फैलती जा रही है और ये चादर जान लेवा है। दिल्ली की हवा की गुणवत्ता लगातार खराब स्थिति में है और मंगलवार को आए आंकड़े डराने वाले हैं। मंगलवार को दिल्ली की Air Quality Index (AQI) PM2.5 288 और PM10 280 पर पहुंची. ये दोनों ही आंकड़े गंभीर श्रेणी में आते हैं।
Air Quality Index (AQI) of Delhi’s Lodhi Road area; prominent pollutants PM 2.5 at 280 and PM 10 at 280 both in ‘poor’ category. pic.twitter.com/RIeKzsKqV0
— ANI (@ANI) 30 October 2018
सीपीसीबी ने चेतावनी दी है कि हाल-फिलहाल में हालात में बदलाव नहीं आएंगे और दिवाली तक स्थिति और बिगड़ सकती है। उत्तरी दिल्ली में जहांगीरपुरी, पश्चिम दिल्ली में मुंडका, दक्षिणी दिल्ली में द्वारका और पूर्वी दिल्ली में आनंद विहार में वायु गुणवत्ता में बेहद खराब देखी गई और यह ‘गंभीर’ श्रेणी में रही।
पुराने वाहनों पर लगी रोक
दिल्ली में वायु की गुणवत्ता लगातार खराब होने के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पेट्रोल के 15 साल पुराने और डीजल के 10 साल पुराने वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया। वहीं, बढ़ते प्रदूषण को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार और दिल्ली की आप सरकार एक दूसरे पर आरोप – प्रत्यारोप लगा रही है।
केजरीवाल ने पड़ोसियों पर फोड़ा ठीकरा
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण के लिए केंद्र और हरियाणा एवं पंजाब की सरकारों को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि आप सरकार के सभी प्रयासों के बावजूद वे कुछ भी करने को तैयार नहीं हैं।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली में प्रदूषण पूरे वर्ष नियंत्रण में रहा लेकिन प्रतिवर्ष इस समय (सर्दियों में) दिल्ली को केंद्र, भाजपा नीत हरियाणा और कांग्रेस नीत पंजाब सरकारों के चलते गंभीर प्रदूषण का सामना करना पड़ता है।’’
1 साल में प्रदूषण से 1 लाख बच्चों की मौत
भारत में जहरीली होती हवा को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में पता चला है कि हवा में बढ़ते प्रदूषण की वजह से साल 2016 में लाखों बच्चों की मौत हो गई है। हालांकि सरकार भी प्रदूषण को रोकने के लिए काफी कदम उठा रही है, जो कि नाकाम साबित हो रहे हैं।