दिल्ली में अतिक्रमण के खिलाफ एक बार फिर बुलडोजर की एक्शन से भरपूर कार्रवाई देखने को मिलेगी, दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) ने आज शाहीन बाग के आस-पास के इलाकों में अतिक्रमण गिराने की योजना बनाई है। बताया जा रहा है कि आज कालिंदी पार्क इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जाएगा। वहीं दक्षिण एमसीडी के मुताबिक 5 मई और 9 मई को शाहीन बाग में कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के प्रावधान से इनकार किया है और इसके बिना अभियान को अंजाम नहीं दिया जा सकता।
अतिक्रमण विरोधी अभियान किन इलाकों में चलाया जाएगा?
एसडीएमसी के अध्यक्ष राजपाल सिंह ने कहा कि यह अभियान संगम विहार इलाके में एमबी रोड पर करणी सिंह शूटिंग रेंज से शुरू हुआ और 13 मई तक विभिन्न इलाकों में जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यह अभियान शाहीन बाग मुख्य सड़क, कालिंदी कुंज, एमबी रोड, मेहरचंद मार्केट, श्रीनिवास पुरी और खड़ा कॉलोनी जैसे इलाकों को कवर करेगा। उन्होंने कहा, “हमने शाहीन बाग सहित इन क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाने के लिए 10 दिन की कार्य योजना तैयार की है। अभियान को अंजाम देने के लिए पर्याप्त पुलिस बल की भी मांग की है। हम नौ मई को शाहीन बाग में अभियान शुरू करेंगे।
जानिए कब कहां होगी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई
उन्होंने कहा कि कालिंदी कुंज और श्रीनिवास पुरी में 5 और 6 मई को अतिक्रमण हटा लिया जाएगा, 10 मई को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के पास गुरुद्वारा रोड के पास अभियान चलाया जाएगा। वहीं, 11 मई को मेहरचंद मार्केट, लोधी कॉलोनी में साईं बाबा मंदिर के पास और जेएलएन मेट्रो स्टेशन के पास इसका आयोजन होगा। एसडीएमसी के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह हमारे नियमित अतिक्रमण हटाने के अभियान की योजना है। ये सभी कार्रवाई पुलिस बल की सुरक्षा के साथ की जाएगी।"
जहांगीरपुरी में हिंसा के बाद हुई थी बुलडोजर कार्रवाई
शाहीन बाग दिसंबर 2019 में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ धरना-प्रदर्शन स्थल होने के कारण सुर्खियों में था। मार्च 2020 में शहर में कोरोना महामारी के आने के बाद ही विरोध को बंद कर दिया गया था। बता दें कि अप्रैल में ओखला और जसोला में एक अभियान की योजना बनाई गई थी, लेकिन पर्याप्त पुलिस बल ना होने के कारण इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका। एसडीएमसी ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के लिए दक्षिण-पूर्व और दक्षिण जिलों के पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर बल की मांग की है।
जहांगीरपुरी इलाके में सांप्रदायिक हिंसा होने के चार दिन बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) द्वारा किए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान की व्यापक आलोचना हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप किया था और एनडीएमसी को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।