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पराली जलाने और बेधड़क चले पटाखों ने जहरीली की दिल्ली की हवा, गोपाल राय ने BJP पर लगाया ये आरोप

दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि राजधानी की वायु गुणवत्ता पराली जलाने की घटनाओं और प्रतिबंध के बावजूद दीपावली पर पटाखे फोड़ने के कारण खराब हुई है।

दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा कि राजधानी की वायु गुणवत्ता पराली जलाने की घटनाओं और प्रतिबंध के बावजूद दीपावली पर पटाखे फोड़ने के कारण खराब हुई है। उन्होंने भाजपा पर गुरुवार को दीपोत्सव पर लोगों को पटाखे फोड़ने की सलाह देने का आरोप लगाया। राय ने कहा कि दिल्ली का बेस पॉल्यूशन (प्रदूषण का आधार) जस का तस बना हुआ है, केवल दो कारक जुड़े हैं- पटाखे और पराली जलाना। 
उन्होंने संवाददाताओं से कहा,‘‘बड़ी संख्या में लोगों ने पटाखे नहीं फोड़े। मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं, लेकिन कुछ लोगों ने जानबूझकर पटाखे फोड़े। भाजपा ने उनसे यह सब करवाया।’’ मंत्री ने कहा कि पराली जलाने की करीब 3,500 घटनाएं हुई हैं और इसका असर दिल्ली में दिखाई दे रहा है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ के अनुसार, शुक्रवार को दिल्ली के पीएम 2.5 में पराली की हस्सेदारी 36 प्रतिशत रही, जो इस मौसम में अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। 
सफर के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा, ‘‘पटाखों के कारण उत्पन्न उत्सर्जन की वजह से दिल्ली की समग्र वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी के उच्च स्तर तक गिर गई है, जबकि पराली जलाने से हुए उत्सर्जन का हिस्सा आज 36 प्रतिशत पर पहुंच गया है।’’ गुरुवार को दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में पराली का हिस्सा 25 प्रतिशत था। 
पिछले साल पांच नवम्बर को दिल्ली के पीएम2.5 पद्रूषण में पराली की हस्सेदारी 42 प्रतिशत पर पहुंच गई थी, जबकि उससे एक साल और पहले 2019 में एक नवम्बर को यही आंकड़ा 44 प्रतिशत था। दिल्ली के पीएम2.5 में पराली जलाने का योगदान पिछले साल दिवाली पर 32 फीसदी था, जबकि 2019 में यह 19 फीसदी था। पराली जलाने से तेजी से बढ़ रहे धुएं के बीच दिवाली की रात बड़े पैमाने पर पटाखे फोड़े जाने के बाद शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में कोहरे की घनी परत छा गई। 
कल रात ‘गंभीर’ श्रेणी में प्रवेश कर चुके, दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का ऊपर बढ़ना जारी रहा और शुक्रवार को दोपहर 12 बजे यह 462 दर्ज किया गया। फरीदाबाद (460), ग्रेटर नोएडा (423), गाजियाबाद (450), गुरुग्राम (478) और नोएडा (466) के पड़ोसी शहरों में भी दोपहर 12 बजे वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ दर्ज की गई। शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 को ‘संतोषजनक’, 101 और 200 को ‘मध्यम’, 201 और 300 को ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है। 

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