नई दिल्ली : शीर्ष अदालत के फैसले को एकदम गलत तरीके से टाइप कर उसे सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड करने वाले दोनों पूर्व अधिकारी पुलिस पूछताछ में बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहे हैं। जबकि पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल यही है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया? इसके पीछे उनकी क्या मंशा थी। इसके अलावा क्या उन्होंने अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए किया। इस काम के लिए उनकी किसी से कोई डील हुई थी।
वह सीधे अनिल अंबानी के संपर्क में थे या फिर किसी मीडिएटर के माध्यम से कोई डील हुई। जो उन्होंने शीर्ष अदालत के आदेश को ही गलत तरीके से टाइप कर सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया। पुलिस सूत्रों की माने तो इसके पीछे बहुत बड़ा षड़यंत्र हो सकता है। एक आरोपी तपन तो रिटायर्डमेंट की कगार पर था। कहीं ऐसा तो नहीं कि उनके बीच अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए कोई मोटी डील हुई हो।
क्राइम ब्रांच की टीम इन तमाम सवालों से पर्दा उठाने के लिए आरोपियों से पूछताछ कर रही है। क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक मामले की तह तक जाने के लिए क्राइम ब्रांच ने आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। जहां पुलिस ने अदालत को बताया कि मामला बेहद गंभीर है और आरोपियों की रिमांड बेहद जरूरी है। अदलात ने पुलिस की दलील सुनने के बाद दोनों आरोपियों को सात दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
पुलिस सूत्रों की माने तो अभी तक मामले में कोई कंकरीट सामने नहीं आया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में एरिक्सन कंपनी के कई सौ करोड़ रुपए के बकाया भुगतान के मामले में सुनवाई जारी थी। जस्टिस आरएफ नरिमन की अदालत ने अनिल अंबानी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया। मगर आरोपी तपन (59) और मानव (45) ने न्यायाधीश का आदेश सुनकर उसे गलत तरीके से टाइप कर वेबसाइट पर अपलोड कर दिया। उन्होंने अनिल अंबानी को कोर्ट में पेश होने की छूट का आदेश वेबसाइट पर अपलोड कर दिया।