दिल्ली : दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी ने एक वीडियो जारी कर एक महीने से शहर के शाहीन बाग में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर के खिलाफ में विरोध कर रहे सैकड़ों महिलाओं और बच्चों से प्रदर्शन खत्म करने की अपील की है। वीडियो में, भाजपा सांसद ने प्रदर्शनकारियों से अपने आंदोलन को बंद करने का आग्रह किया क्योंकि उन्होंने “विरोध के कारण असुविधा का सामना कर रहे लाखों लोगों की दुर्दशा की अनदेखी” के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला किया।
भाजपा सांसद ने कहा “मैं यह वीडियो इसलिए बना रहा हूं क्योंकि मैं व्यथित हूं … शहर के शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन के कारण हर रोज लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है लोग दो-तीन घंटों में 25 मिनट की यात्रा पूरी कर रहे हैं। वीडियो में सांसद ने कहा कि “मैं आप सभी (शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों) से अपील करता हूं। सीएए किसी भी धर्म – सिख, ईसाई या इस्लाम के खिलाफ नहीं है। यह कानून सिर्फ पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए लोगों को नागरिकता देने के लिए है न कि किसी की नागरिकता छीनने के लिए।
ये मेरी दिल्ली को क्या हो गया है ..
जो भाई बहन शाहीन बाग में सड़क पे धरने पे बैठे हैं CAA (citizen amendment act) के विरोध मे.. उनसे ये अपील है मेरी pic.twitter.com/HpPQ5T7iNY— Manoj Tiwari (@ManojTiwariMP) January 14, 2020
उन्होंने आगे कहा कि रविवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा था कि नया नागरिकता कानून देश में पहली बार नागरिकता के लिए धर्म परीक्षण करता है। नागरिकता कानून किसी की नागरिकता छीनता नहीं है, बल्कि नागरिकता देता है।” लगभग तीन मिनट की लंबी वीडियो क्लिप में मनोज तिवारी ने यह भी जोर देकर कहा कि NRC के बारे में अफवाहें फैलाई जा रही हैं। “देश में कोई NRC नहीं है … कौन है जो इन अफवाहों को फैला रहा है? मैं आपसे अपील करता हूं कि कृपया सड़कों को खाली कर दें।
मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि लाखों लोगों को असुविधा का सामना करने पर भी उन्होंने अपनी आंखे बंद कर रखी है। अरविंद केजरीवाल को आदर्श रूप से विरोध प्रदर्शन बंद करने का आग्रह करना चाहिए था लेकिन उन्हें स्पष्ट रूप से खुशी है कि लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। वह शहर की समस्याओं से अनभिज्ञ है। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि कृपया अपने प्रतिनिधि को मेरे घर भेजें … मैं विचार-विमर्श के लिए तैयार हूं। “