उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ फैली हिंसा अब लगभग थम गई है। यहां की जनता का जीवन भी अब सामान्य हो रहा है। लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल कर अपने कामों में जुट गए हैं। इलाकों में मौजूद छोटी-बड़ी कुछ दुकानें भी खुली है। इस बारे में दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा ने कहा कि दुकानें खोलना सामान्य स्थिति का संकेत है। क्षेत्र में सामान्यीकरण की यह प्रक्रिया कल से शुरू हुई है।
उन्होंने कहा कि पुलिस का पूरा ध्यान प्रभावित इलाकों में रहने वाले सभी नागरिकों को आश्वस्त करना है कि उन्हें अब अपना सामान्य जीवन शुरू करना चाहिए। संयुक्त आयुक्त ने कहा कि लोगों को अपने ‘गंगा-जमुनी तहज़ीब’ को पुनर्जीवित करना चाहिए, जिसमें किसी तरह का सेंध लग गया। उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाकों में पुलिस ने अमन समिति के साथ विचार-विमर्श किया है।
उन्होंने कहा कि सभी भक्तों के मद्देनजर विस्तृत व्यवस्था की है जो आज मस्जिदों में नमाज अदा करने जाएंगे। बता दें उत्तर- पूर्वी दिल्ली में तीन दिनों तक हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या 38 हो गई है, जिसमें गुरु तेग बहादुर अस्पताल में 34 लोगों की, लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में तीन तथा एक व्यक्ति की जग प्रवेश चंद अस्पताल में मौत हुई है।
वहीं इस हिंसक वारदातों में लगभग 200 लोग घायल हुए हैं, जिसमें से कई लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है। फिलहाल हालात नियंत्रण में है और जांच के लिए क्राइम ब्रांच के अंतर्गत एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक हिंसाग्रस्त इलाकों में समुचित संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात करने के बाद हालात नियंत्रण में है।
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दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि 48 प्राथमिकी अब तक दर्ज की जा चुकी है और तथ्यों की जांच करने के बाद और मामले दर्ज किये जाएंगे। एक हजार से अधिक सीसीटीवी फुटेज मिले हैं जिसकी जांच की जा रही है। अब तक 106 लोगों की गिरफ्तारी की गयी है। उन्होंने कहा कि इलाके में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए दिन-रात चौकसी बरती जा रही है।