विधानसभा सदन पटल पर रखी गई कैग की रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार की नाकामियां खुलकर सामने आई हैं। सूत्रों की मानें तो CAG रिपोर्ट में अब तक 50 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां नियमों को ताक पर रखकर गड़बड़ी को अंजाम दिया गया।
सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि एफ़सीआई गोदाम से राशन वितरण केंद्रों पर 1589 क्विंटल राशन की ढुलाई के लिए आठ ऐसी गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया, जिनका रजिस्ट्रेशन नंबर बस, टेंपो और स्कूटर-बाइक का था।
हैरानी की बात ये है कि इन गाड़ियों पर इतनी बड़ी मात्रा में अनाज की ढुलाई नहीं हो सकती। इसके अलावा, सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2016-17 में जिन 207 गाड़ियों को राशन ढुलाई के काम में लाया गया, उनमें 42 के रजिस्ट्रेशन ही नहीं हैं। इसके आधार पर कैग ने अपनी रिपोर्ट में यह शक जताया है कि वास्तव में राशन का वितरण हुआ ही नहीं और अनाज चोरी की आशंका से इनकार नहीं जा सकता है।
दिल्ली में अनियमितताओं पर सीएजी रिपोर्ट में हुए खुलासे के बाद सियासत भी तेज़ हो गई है। सीएजी रिपोर्ट सामने आने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि कैग की तरफ उजागर भ्रष्टाचार या अनियमितता के हर मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. किसी को भी नहीं बख़्शा जाएगा।
सीएम केजरीवाल ने ट्वीट कर उपराज्यपाल अनिल बैजल पर भी निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि डोर स्टैप डिलीवरी (घर-घर राशन) की डिलीवरी की योजना को ख़ारिज कर उप राज्यपाल इन चीज़ों को संरक्षण देने की कोशिश कर रहे हैं। पूरा राशन सिस्टम माफ़िया की जद में है, जिन्हें राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है। घर-घर डिलीवरी से ये माफ़िया ख़त्म हो जाते।
उधर, इस मामले में पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने भी केजरीवाल सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा- ‘4 लाख फ़र्ज़ी राशन कार्ड से 150 करोड़ रुपये प्रति माह का राशन एडजस्ट करने की कोशिश हुई है।’ साथ ही बताया कि फरवरी में 4 लाख फर्जी कार्ड पकड़े गए हैं।
कैग रिपोर्ट में गड़बड़ियों के मसले पर विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि जो भ्रष्टाचार को मिटाने का दावा करते थे, उनकी नाक के नीचे से यह सब कुछ हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर यह कहा जाये कि इसमें सरकार की मिलीभगत है, तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
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