रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सोमवार को कहा कि पत्थर मारने वाला शिक्षक नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि पारा शिक्षकों ने जिस तरह धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती और राज्य स्थापना दिवस के दिन पत्थर मारे, यह ठीक नहीं है क्योंकि पत्थर चलाने वाला शिक्षक नहीं हो सकता। दास ने पुलिस लाइन स्टेडियम, मेदिनीनगर, पलामू में फसल बीमा योजना समेत विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास तथा उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए यह बात कहीं। दास ने कहा, ‘‘मैं कहता हूं आप सालों तक काले झंडे दिखाओ मुझे आपत्ति नहीं लेकिन धरती आबा के जन्मदिवस पर ऐसी हरकत और गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पत्थर मारने वाला कभी शिक्षक नहीं हो सकता। यह रघुवर और जनता का शासन है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा पत्थर मारने वाले शिक्षक को नहीं मिलेगा। मैं नमन करता हूँ राज्य की जनता को जिसने एक मजदूर को मजबूत सरकार दी है।’’ स्थापना दिवस पर पत्थरबाजी करने वाले पारा शिक्षकों के व्यवहार से खिन्न मुख्यमंत्री दास ने कहा, ‘‘मैं टूट सकता हूं लेकिन हठधर्मिता के आगे झुक नहीं सकता। समस्या का समाधान होगा लेकिन एक प्रक्रिया के तहत।’’ दास ने नव निर्मित समाहरणालय भवन का यहां उद्घाटन करते हुए कहा कि पलामू प्रमंडल में आज किसानों का समागम देख उन्हें बेहद खुशी हुई। पलामू प्रमंडल के लोग कृषि पर आधारित हैं। बरसात कम होने की वजह से राज्य सरकार ने सुखाड़ का सर्वेक्षण कर राज्य के 129 प्रखंडों के सूखाग्रस्त होने की सूचना केंद्र सरकार को भेज दी है। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में 14 लाख 78 हजार से ज्यादा किसानों ने फसल बीमा कराया है। इसके तहत पलामू में 5 करोड़ रुपये, गढ़वा में 4.66 करोड़ और लातेहार में 28.33 लाख की राशि का वितरण फसल बीमा योजना के तहत किसानों के बीच होगा।