देश में कोयले का संकट गहराता जा रहा है। ये बात केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने कही है। कोयले के संकट गहराने का असर सीधा-सीधा बिजली के उत्पादन पर पड़ेगा, क्योंकि देश में ज्यादातर बिजली का उत्पादन कोयले से ही होता है। इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राजधानी दिल्ली को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों के लिए पर्याप्त कोयला और गैस देने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
कोयला संकट पर चिंता व्यक्त करते हुए केजरीवाल ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, ”दिल्ली को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर पैनी नजर रख रहा हूं। हम इससे बचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इस बीच, मैंने माननीय प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है।”
Delhi could face a power crisis. I am personally keeping a close watch over the situation. We are trying our best to avoid it. In the meanwhile, I wrote a letter to Hon’ble PM seeking his personal intervention. pic.twitter.com/v6Xm5aCUbm
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 9, 2021
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली टाटा पावर ने अपने ग्राहकों को फोन पर मैसेज भेजकर इसकी जानकारी दी है और उनसे शनिवार दोपहर बाद से बिजली का विवेकपूर्ण उपयोग करने का आग्रह किया है।टाटा पावर की शाखा टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (डीडीएल), जो मुख्य रूप से उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में काम करती है, उसने अपने ग्राहकों को एसएमएस भेजा है।
शनिवार को भेजे गए एसएमएस में कहा गया है, ”उत्तर भर में उत्पादन संयंत्रों में कोयले की सीमित उपलब्धता के कारण, दोपहर दो बजे से शाम छह बजे के बीच बिजली आपूर्ति की स्थिति गंभीर स्तर पर है। कृपया विवेकपूर्ण तरीके से बिजली का उपयोग करें। एक जिम्मेदार नागरिक बनें। असुविधा के लिए खेद है – टाटा पावर-डीडीएल।”
पिछले हफ्ते की शुरुआत में, ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने देश में थर्मल पावर प्लांट्स में कोयले की कमी को स्वीकार किया था और इसे सामान्य स्थिति से परे करार दिया था। हालांकि, बाद में उन्होंने यह भी कहा था कि अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में बिजली की मांग कम हो जाएगी और संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति में भी सुधार होगा।