Delhi Crime: सीबीआई ने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज के नाम पर वसूली रैकेट चला रहे गिरोह का भंडाफोड़ किया है। सीबीआई ने इस मामले में 2 डॉक्टरों समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह डॉक्टरों के साथ मिलकर मरीजों से इलाज के नाम पर रिश्वतखोरी कर रहे थे। साथ ही यह मरीजों को कुछ कंपनियों के मेडिकल उपयोग को बढ़ावा दे रहे थे। सीबीआई को इनके भ्रष्टाचार में शामिल होने की शिकायतें मिली थी। जिसके बाद सीबीआई ने एक्शन लेते हुए इसमें शामिल लोगों को गिरफ्तार किया। आरएमएल के जिन 2 डॉक्टर्स को गिरफ्तार किया गया है, उनमें कार्डियोलॉजी विभाग के डा. पर्वतगौड़ा और दूसरे डॉ. अजय राज शामिल हैं।
CBI ने कई ठिकानों पर की छापेमारी
सीबीआई ने 7 मई को भ्रष्टाचार समेत आपराधिक साजिश रचने की धाराओं में FIR दर्ज की थी। एफआईआर में अभी 16 डॉक्टर्स, मेडिकल उपकरण बेचने वाले डीलर, हॉस्पिटल के नर्सिंग कर्मचारी और अन्य लोग इसमे शामिल है। सीबीआई ने रजनीश कुमार के साथ-साथ क्लर्क भुवाल जयसवाल और संजय कुमार और विकास कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि भुवाल जयसवाल ने डॉक्टरों के साथ मिलकर मरीजों को भर्ती कराने के लिए उनके परिजनों से रिश्वत ली। दूसरी तरफ संजय कुमार ने फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए रिश्वत ली। साथ ही CBI ने डॉक्टर्स और डीलरों से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की। आरोपियों को कोर्ट में पेश करने पर सीबीआई को 6 दिन की कस्टडी रिमांड मिल गई है।
रिश्वत लेते हुए सीबीआई ने किया गिरफ्तार
आरएमएल अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर पर्वतगौड़ा को ढाई लाख रुपये की रिश्वत के साथ रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया है। गौड़ा ने यूपीआई के जरिए पैसा लिया था। इनके अलावा रजनीश कुमार जो कि आरएमएल अस्पताल की कैथ लैब में सीनियर टेक्निकल इंचार्ज है, उसे भी गिरफ्तार किया है। कार्डियोलॉजी विभाग में प्रोफेसर डॉक्टर अजय राज, नर्स शालू शर्मा, क्लर्क भुवल जैसवाल व संजय कुमार गुप्ता और पांच अन्य लोग, जिसमें चार अलग-अलग इक्यूपमेंट सप्लाई करने वाली कंपनी में काम करते हैं, सीबीआई ने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन और आपराधिक साजिश के तहत गिरफ्तार किया है।
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