तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर अंकित गुर्जर की मौत कैसे हुई? इस मामले की जांच अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) करेगी। दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में फैसला सुनते हुए हत्या की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को दी सौंपी है। मामले में अगली सुनवाई के लिए कोर्ट 28 सितंबर की तारीख तय की है।
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने निर्देश दिया कि मामले की फाइल दिल्ली पुलिस से सीबीआई को भेजी जाए और उन्होंने केंद्रीय एजेंसी से 28 अक्टूबर को सुनवाई की अगली तारीख से पहले स्थिति रिपोर्ट मांगी। आदेश की विस्तृत प्रति का इंतजार किया जा रहा है। कोर्ट ने 18 अगस्त को याचिका पर दिल्ली पुलिस और जेल प्राधिकारियों से स्थिति रिपोर्ट मांगी थी। दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि स्थानीय पुलिस निष्पक्ष तरीके से जांच कर रही है।
अंकित गुर्जर हत्या मामले में तिहाड़ जेल नंबर 3 के डिप्टी जेलर नरेंद्र कुमार मीणा और अन्य अज्ञात जेलकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज हुआ है। वहीं डिप्टी जेलर नरेंद्र कुमार मीणा समेत चार जेल कर्मियों को निलंबित किया जा चुका है। जेल में बंद एक कैदी ने खुद को चश्मदीद बताते हुए आरोप लगाया था कि जेल अधिकारियों ने ही अंकित की जान ली।
अंकित गुर्जर जेल के बैरक-3 में चार अगस्त को मृत मिला था और पास के लॉकअप में बंद एवं पूर्व में उसकी कोठरी में बंद रहे दो अन्य कैदी घायल अवस्था में मिले थे। अंकित के परिजनों ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि पीड़ित को जेल अधिकारियों द्वारा परेशान किया जा रहा था क्योंकि वह पैसे की उनकी नियमित रूप से बढ़ती मांगों को पूरा नहीं कर पा रहा था, इसलिए उसकी सुनियोजित साजिश के तहत हत्या कर दी गई।
पुलिस ने भी अपनी जांच में पाया था कि अंकित की जेल अधिकारियों संग हाथापाई हुई थी। यह भी सामने आया था कि अंकित की जेल अधिकारियों ने ही पिटाई की थी और उससे पहले CCTV कैमरों को बंद कर दिया गया था।