कोरोना वायरस के चलते देशभर में जारी लॉकडाउन लगा हुआ है। लॉकडाउन के कारण 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा के कुछ पेपर बचे हुए है जोकि लॉकडाउन के कारण लंबित है। इस बीच, मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठकी की। बैठक में मौजूद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से कहा कि कोविड-19 पर काबू के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से 10वीं और 12वीं कक्षा की लंबित बोर्ड परीक्षाओं को आयोजित कराना अभी संभव नहीं है। उन्होंने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री की अध्यक्षता में राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की हुई बैठक में यह अनुशंसा की।
सिसोदिया ने कहा, ‘‘10वीं और 12वीं की लंबित बोर्ड परीक्षाओं को आयोजित कराना अभी संभव नहीं है। छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन (इंटरनल नंबरों) के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाना चाहिए, जैसे 9वीं और 11वीं कक्षा के छात्रों को किया गया।’’ उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अगले शैक्षणिक सत्र के लिये पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत तक छोटा किया जाना चाहिए और संयुक्त इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (जेईई) और नीट जैसी परीक्षाएं छोटे किए गए पाठ्यक्रम के आधार पर आयोजित की जानी चाहिए।’’
सिसोदिया ने राज्य के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को कक्षाओं के प्रसारण के लिए दूरदर्शन और आकाशवाणी पर समय दिए जाने की दिल्ली सरकार की मांग भी सामने रखी। केंद्र के आदेश के बाद देशभर के विश्वविद्यालय और स्कूल 16 मार्च से बंद हैं। बाद में, 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई थी, जिसे तीन मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इस महीने की शुरुआत में घोषणा की थी कि वह केवल उन 29 विषयों के लिए लंबित बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करेगा जो स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि परीक्षाएं कब आयोजित की जाएगी। हालांकि, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि छात्रों को परीक्षा से पहले कम से कम 10 दिन का नोटिस दिया जाएगा।