दिल्ली मेट्रो में सफर करने के दौरान अब आपको और फिक्र करने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि केंद्र द्वारा ‘लास्ट माइल कनेक्टिविटी’ की सुविधा को सुनिश्चित करने के लिए आने वाले समय में 6 बड़े और छोटे एग्रीगेटर्स तक अपनी पहुंच बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है, जिसमें बेहतर कनेक्टिविटी के लिए मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन (एमएमआई) की योजना शामिल है।
शहरी विकास मंत्रालय ने कहा कि 96 मेट्रो स्टेशनों के आसपास 300 मीटर के दायरे के एमएमआई प्रभाव क्षेत्र का सीमांकन और विकास विचाराधीन है। मंत्रालय के एक लिखित नोट के हवाले से इन 96 स्टेशनों में 60 स्टेशनों के ‘गुड फॉर कंस्ट्रक्शन’ के ड्राइंग को पिछले साल फरवरी में सभी कार्यान्वयन एजेंसियों को जारी कर दिए गए हैं। इसमें आगे लिखा गया, 60 स्टेशनों पर एमएमआई के काम को जून, 2021 तक पूरा करने का टार्गेट है (पहले यह समयावधि मार्च, 2021 तक थी, लेकिन कोविड-19 के चलते इसमें कम से कम तीन महीने के विस्तार की संभावना है)।
काम पूरा हो जाने की स्थिति में यात्रियों को परिवहन के विभिन्न साधनों का लाभ मिलेगा और साथ ही लास्ट माइल कनेक्टिविटी की भी सुनिश्चितता होगी। इस काम के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने उबर जैसे बड़े एग्रीगेटर्स के अलावा छोटे एग्रीगेटर्स के साथ भी करार किया है जिनमें ई-रिक्शा, ऑटो-रिक्शा, मेट्रो फीडर बसें, ई-स्कूटर और साइकिल शेयरिंग सेवाएं शामिल हैं। यह कदम महिलाओं, बच्चों (खासकर विद्यार्थियों) और वृद्धों सहित समाज के कमजोर वर्गो के लिए सुरक्षित परिवहन सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।