दक्षिणी दिल्ली : जामिया-मिल्लिया-इस्लामिया विश्वविद्यालय के बाहर जामिया के छात्रों के साथ स्थानीय लोगों का नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शनिवार को भी जारी रहा। भारी संख्या में छात्र व स्थानीय लोग धरनास्थल पर पहुंचे और अपना समर्थन दिया। यहां पर एक्टिविस्ट व प्रसिद्ध लेखिका अरुंधति रॉय प्रदर्शन कर रहे छात्रों का हौसला बढ़ाने के लिए पहुंची। उन्होंने छात्रों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर अब पीछे मत हटना, जो सरकार देश को तोड़ने की बात करती है। वह बहुत जल्द डिटेंशन सेंटर में होगी। और हम सभी लोग आजाद हो जाएंगे। बस हिम्मत व हौसले के साथ जैसे बैठे हो, बस ऐसे ही अपनी आवाज को बुलंद करते रहो।
उन्होंने कहा कि सीएए व एनआरसी को लेकर आपकी लड़ाई अब सिर्फ धरने तक ही सीमित नहीं रही है, यह अब एक आंदोलन बन चुकी है। जिस हौसले व बुलंद इरादे के साथ मुस्लिम महिलाएं यहां बैठी हैं। यह इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका है। जब भी कोई इतिहास पढ़ेगा, वह समझेगा कि कैसे मुस्लिम महिलाओं ने अपने हक की लड़ाई को महीनो तक सड़क पर बैठकर चलाया था।
लगे आजादी के नारे… इंकलाब जिंदाबाद के नारे जब अरुंधति राॅय लगा रही थींं, तो उनके सपोर्ट में वहां मौजूद लोगों ने भी नारे लगाए। इस दौरान हमे चाहिए आजादी के नारों के साथ मोदी सरकार की भी आलोचना की गई। साथ ही सीएए व एनआरसी को वापस लेनेे की मांग की गई।
प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना था कि हम अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए सक्षम है, यहां पर जो लोग भी हमारे सपोर्ट में आ रहे हैं। वह खुद अपनी इच्छा से यहां पर पहुंच रहे हैं, हमने किसी को भी यहां आने का किसी तरह का कोई न्योता नहीं दिया है।