नई दिल्ली : दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित द्वारा जिलाध्यक्षों व ब्लॉक अध्यक्षों द्वारा विधानसभा प्रत्याशियों के लिए तीन-तीन संभावित नाम मांगे जाने पर प्रदेश प्रभारी पीसी चाको ने सवाल खड़ा कर दिया। चाको का तर्क है कि इससे पार्टी के भीतर अंतर्कलह बढ़ेगा। प्रदेश प्रभारी होने के नाते चाको ने शुक्रवार को तीनों कार्यकारी अध्यक्ष हारून युसूफ, देवेन्द्र यादव व राजेश लिलोठिया को बैठक के लिए बुलाया है।
उसके बाद चाको सहित तीनों कार्यकारी अध्यक्ष शीला दीक्षित के पास जाएंगे, जहां उन्हें समझाने की कोशिश करेंगे। गौरतलब है कि हाल ही में शीला दीक्षित व कार्यकारी अध्यक्षों ने जिलाध्यक्षों व ब्लॉक अध्यक्षों के साथ योजना तैयार कर हर विधानसभा क्षेत्र से तीन-तीन लोगों के नाम आमंत्रित किए, लेकिन प्रदेश प्रभारी पीसी चाकों ने इस योजना पर फिलहाल आपत्ती जता दी है। सूत्रों का कहना है कि चाको का तर्क है कि इससे पार्टी के भीतर अंतर्कलह बढ़ेगा।
चाको का कहना है कि जिन के नाम विधानसभा टिकट के लिए होंगे वह तो फिल्ड में काम करेगा, लेकिन जिनका नाम नहीं होगा वह फिल्ड में नहीं उतरेगा। इससे पार्टी को नुकसान होगा। सूत्रों का कहना है कि चाको ने इस योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह का निर्णय लिए जाने से पहले उनकी अनुमति भी ली जानी चाहिए थी, जोकि नहीं ली गई। अब चाको प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित के उस फैसले के खिलाफ कार्याकारी अध्यक्षों का समर्थन जुटाने की कोशिश करेंगे। जबकि जिस दिन तीन-तीन नाम दिए जाने की घोषणा हुई थी, उस दौरान कार्यकारी अध्यक्ष हारून युसूफ व राजेश लिलोठिया मौजूद थे।
ऐसे में एक बार फिर कार्यकारी अध्यक्षों के साथ दोबारा इस पर चर्चा करने के लिए तीनों को बुलाया गया है। यहां यह बता दें कि कांग्रेस की योजना है कि विधानसभा चुनावों से पहले सभी विधानसभा क्षेत्र में प्रभारी नियुक्ति किए जाएं, चुनावों तक अगर वह बेहतर काम करेंगे तो उन्हें टिकट से नवाज दिया जाएगा, नहीं तो किसी अन्य को टिकट दिया जा सकता है। घोषणा के चार दिन प्रदेश प्रभारी चाको ने इस योजना पर पुर्नविचार करने के लिए समर्थन जुटाने में लग गए हैं।
हार की समीक्षा की रिपोर्ट शनिवार तक
लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा के लिए पांच सदस्यीय समिति शनिवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित से मिलकर अपनी रिपोर्ट काे अंतिम रूप दे सकती है। इससे पूर्व शुक्रवार को एक बार फिर उन लोकसभा प्रत्याशियों से बात करने का प्रयास किया जाएगा, जिनकी राय समिति को अभी तक उपलब्ध नहीं हाे सकी है। पार्टी इसी रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति भी तैयार करेगी और संगठन में बदलाव भी।
लेकिन अभी तक समिति की बैठक सातों प्रत्याशियों के साथ ही नहीं हो सकी है। गुरुवार को भी समिति की एक बैठक पार्टी के प्रदेश कार्यालय में शाम छह से रात आठ बजे तक चली। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि बैठक में फैसला किया गया कि शुक्रवार को बचे हुए चार प्रत्याशियों से बातचीत करने का अंतिम प्रयास किया जाएगा। इसमें उनसे लोकसभा चुनावों में हार पर उनकी राय ली जाएगी।
इसके बाद शनिवार को शीला दीक्षित के साथ मुलाकात करके रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अभी तक अजय माकन, अरविंदर सिंह लवली, जेपी अग्रवाल और महाबल मिश्रा की तरफ से हार के कारणों पर उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।