नई दिल्ली : बेघरों को अपना पक्का घर देने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ को जालसाज बट्टा बैठा रहे हैं। शातिर ठगों ने पीएम आवास योजना नाम से फर्जी वेबसाइट तक बना ली है। जिसकी आड़ में वे भोले-भाले लोगों को ठगने लगे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक ठगों ने रकम ऐंठने के बाद पीड़ितों का विश्वास जीतने के लिए उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय के नाम से फर्जी पत्र भी दिए। उधर, मामला संज्ञान में आने के बाद शहरी आवासीय मंत्रालय ने मामले की सूचना दिल्ली पुलिस को दी।
पुलिस अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले को आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दिया है। पुलिस ने इस बाबत धोखाधड़ी की धाराओं के अलावा आइटी एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस की साइबर एक्सपर्ट टीम फर्जी तरीके से बनाई गई वेबसाइट का पूरा रिकॉर्ड खंगाल रही है। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने ठगी की वारदात को अंजाम देने के लिए www.pmayhousing.com नाम से फर्जी वेबसाइट बनाई।
जरूरतमंद लोग वेबसाइट को सरकारी साइट समझकर उनके झांसे में आ गए। जिसके बाद उनके बताए हुए खाते में रकम भी डाल दी। ठगों ने वेबसाइट को बिल्कुल सरकारी वेबसाइट की तरह बनाया है। ठगों ने भी पीड़ितों का पूरा विश्वास जीतने के लिए उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से एक फर्जी पत्र भी जारी किया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपियों ने ऐसा इस लिए किया ताकि पीड़ित उसे देखकर आश्वस्त हो जाएं कि उन्हें घर मिलेगा और वे दूसरों को भी इसके लिए कहें। इस तरहा ज्यादा से ज्यादा लोग उनके जाल में फंसे। सूत्रों के मुताबिक अभी तक यह पता नहीं चल सका कि ठगों ने इस योजना के नाम पर कितने लोगों को ठगा। फिलहाल दिल्ली पुलिस सरगर्मी से इस गिरोह के बदमाशों को सुराग जुटाने में लगी है। उधर दिल्ली पुलिस अधिकारिक तौर पर इस मामले में कुछ कहने से बचती रही।
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(पंजाब केसरी)