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छठ महापर्व को लेकर दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, इस साल नहीं होगा कोई आयोजन

डीडीएमए ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड -19 मामलों में लगातार बढ़ोतरी के चलते इस वर्ष सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा मनाने से लोगों को मना कर दिया गया है।

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड -19 मामलों में लगातार बढ़ोतरी के चलते इस वर्ष सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा मनाने से लोगों को मना कर दिया गया है। छठ पूजा 20 नवंबर से शुरू होगी। हर साल, छठ पर भारी भीड़ पूजा स्थलों पर होती है इनमें ज्यादातर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग यमुना के किनारे, तटबंध क्षेत्रों और खुले स्थानों के साथ सड़कों पर उगते सूरज की पूजा करने के लिए आते हैं। सरकार आमतौर पर चिकित्सा दल और सुरक्षा कर्मियों को तैनात करके रोशनी, कपड़े बदलने के कमरे और शौचालय आदि की व्यवस्था करके पूजा करने वालों की सुविधा का ध्यान रखती है। 
लेकिन इस वर्ष, 28 अक्टूबर से 8 नवंबर के बीच दिल्ली सरकार ने कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए घाटों पर सामुदायिक छठ पूजा उत्सव पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। सरकार के आदेश के अनुसार,“सरकार ने सभी जिलाधिकारियों, पुलिस के डीडीसी और सभी संबंधित अथॉरिटीज को निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि राष्ट्रीय राजधानी में नवंबर के सार्वजनिक स्थानों/नदी के किनारों/मंदिरों आदि में छठ पूजा का आयोजन ना हो।” दिल्ली में प्रदूषण की वजह से पटाखों के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। 
बता दें कि 4 दिनों तक चलने वाली छठ पूजा को बिहार, पूर्वी यूपी और झारखंड के लाखों लोग धूमधाम से मनाते हैं। छठ महापर्व 18 नवंबर से शुरू हो रहा है। दिल्ली में बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग हर्षोल्लास के साथ छठ पर्व मनाते हैं। छठ महापर्व की शुरुआत 18 नवंबर को नहाय खाय से होगी। इसके बाद 19 नवंबर खरना, 20 नवंबर शाम का अर्घ्य और 21 नवंबर उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ यह पूजा संपन्न होगी। इस दौरान नदी, तालाबों इत्यादि पर सूर्य देवता की पूजा की जाती है। 

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